
खण्ड शिक्षा अधिकारियों को दिया गया निर्देश
चंदौली। आरटीई के तहत निजी विद्यालयों में पढ़ने वाले बच्चों व उनके अभिभावकों से फीस के लिए विद्यालय के प्रबन्धक दबाव नही बना सकते। ऐसा मामला संज्ञान में आने पर विद्यालय की मान्यता भी समाप्त हो सकती है।
गुरुवार को नगर के एक विद्यालय ने कुछ बच्चों को इसलिए परीक्षा से वंचित ही नही बल्कि विद्यालय से भी निष्कासित कर दिया था। क्योंकि इन सभी का प्रवेश आरटीई के तहत हुआ था। बच्चों को विद्यालय से निकाले जाने की जानकारी होने के बाद अभिभावक जब पहुंचे तो विद्यालय संचालक ने अभिभावकों के साथ भी बदसलूकी किये। जिसके बाद अभिभावकों ने बच्चों के साथ जिलाधिकारी आवास पहुंचकर गुहार लगाया। इसकी जानकारी होने के बाद मौके पर बेसिक शिक्षा अधिकारी सत्येंद्र कुमार सिंह पहुंच गए। उन्होंने अभिभावकों को समझ बुझा कर शांत कराया। इसके साथ ही प्रबंधक से भी वार्ता किया। वहीं मामले को गम्भीरता से लेते हुए बेसिक शिक्षा अधिकारी ने सभी खंड शिक्षा अधिकारियों को निर्देशित किया कि किसी भी विद्यालय के संचालक ऐसे छात्र व उनके अभिभावकों से बदसलूकी नही करेंगे। ऐसा करने वालो का मान्यता भी रद्द करने की कार्यवाही होगी।
क्या कहते है अधिकारी:

जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी सत्येंद्र सिंह ने कहा कि आरटीई से तहत पढ़ने वाले बच्चों की फीस शाशन स्तर से मिल गयी है। परियोजना से जैसे ही मिलेगी पिछले व इस वित्तीय वर्ष का पैसा विद्यालय के खाते में भेज दिया जाएगा। ऐसे में किसी भी बच्चे से अभद्रता क्षम्य नही है।