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3 स्टार वाली मैडम ने वसूलने का निकाला नया फार्मूला

धोबी और दर्जी पर दिखा रही वर्दी की धौंस

Chandauli news: इस जिले में लगभग 30-35 वर्ष पूर्व कुछ लोग पुलिस की वर्दी पहनकर नौबतपुर बॉर्डर के पास ट्रकों को रोककर उसे अवैध वसूली करते थे। इससे इतनी अच्छी आमदनी हुई की हैसियत बदल गई। इन लोगों के दिखाए मार्ग पर कुछ पुलिसवाले भी चलने लगे, यह लोग रात में इस तरह के वारदात को अंजाम देते थे। लेकिन अब समय बदल गया बकायदा दिनदहाड़े रौब ग़ालिब करते वर्दीधारी वसूली करने लगे है। इसमें भी सामान्य तौर पर न स्वीकार किया जाने वाला यह तथ्य जब प्रमाणिक रूप news place को मिला तब इसे पाठकों तक पहुंचाने में हमें भी काफी आतुरता है।

महिला इंस्पेक्टर कारस्तानी, दर्जी की जुबानी

कंधे पर जब पुलिस के लोगों को स्टार लग जाता है तब वह इधर-उधर नहीं,सीधे मलाईदार थाने का चार्ज पाने के लिए आतुर रहते हैं। चूंकि अब थाने सीमित है, स्टार लगाने वाले ज्यादा है। इससे मुद्रा मोचन के नए तरीके खोज निकाले है। लेडी डायना के रूप में आई एक महिला इंस्पेक्टर ने ऐसा रास्ता अपनाया है, जिससे चंद पैसे कमाने वालों के घरों में चूल्हा जलना बंद हो गया।

उन्होंने किसी मोटे माल वाले पर हाथ नहीं फेरा है बल्कि जो दैनिक मजदूरी करने वाले लोग हैं। इसमें प्रेस करने वाले और दर्जी शामिल है। यह तथा कथित लेडी डायना ने प्रेस करने वाले पर अपने निजी फार्मूले का इस्तेमाल किया। अपने तीन स्टार लगाने वाले पुलिस वर्दी को प्रेस करने को दिया। प्रेस करने वाले ने मैडम के वर्दी को पानी का छींटा डाल-डाल कर बड़े इत्मिनान से वर्दी को प्रेस किया। वर्दी कड़क हो गई उसे कागज में लपेट कर धागे से बांधकर मैडम को दिया। वर्दी कड़क और कागज के ऊपर लिपटे धागे को देखकर मैडम को लगा कि यहां मेरा फार्मूला सेट कर जाएगा। 10- 20 ₹ में वर्दी प्रेस करने वाले से उन्होंने कहा कि इसमें रखा ₹9000 तुमने ले लिया । इसे तत्काल दे दो अन्यथा शरीर का एक परत चमड़ा हटवा देंगे साथ में जेल भी भेज दूंगी। स्वाभाविक था कि जहां इस भरोसे अच्छे-अच्छे की बैंड बज जाती है। वहीं प्रेस वाले की भी स्थिति नाजुक हो गई। उसने अपने पड़ोसी से उधार लेकर मैडम के मांग की पूर्ति किया।

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इसके बाद तो मैडम का हौसला आसमान छूने लगा इस फार्मूले को कई जगह उन्होंने फिट किया। अभी हाल फिलहाल में उन्होंने जिला मुख्यालय पर पुलिस की वर्दी सिलने वाले एक दर्जी के पास पहुंची जहां उनके ड्राइवर द्वारा उनकी फटी वर्दी की पैंट को सिलने के लिए दिया। चूंकि मैडम 3 स्टार वाली थी इसलिए दर्जी ने उसे बड़े इत्मिनान से उसकी सिलाई में अपनी पूरी कारीगरी दिखा दिया। बड़े मनोयोग से सिलाई किया। सिलाई करने के बाद उसने भी पैंट को से प्रेस किया । एक कपड़े के थैले में बकायदा भरकर ड्राइवर को सौंप दिया ।बस पैंट की कड़क क्लिच को देखकर मैडम को अपना पुराना फार्मूला याद आ गया उन्होंने यहां भी इस फार्मूले को फिट कर दिया।

इस बार उन्होंने बकायदा बोलचाल भी किया पहले फोन पर ₹2000 पैंट में होने की बात फोन पर करते हुए वापस करने के बात मास्टर से कहीं। फिर जब उन्हें जब लगा कि यह काफी कम है। क्योंकि तीन स्टार कंधे पर लगे होने से लगा की राशि कम है। फिर उन्होंने इस 2000 को 3000 में कन्वर्ट कर दिया।

जिला मुख्यालय बने लगभग 25 वर्ष होने जा रहे हैं। तब से उक्त दर्जी हजारों पुलिस वालों की वर्दी सिल चुका है। लेकिन जैसा फार्मूला 3 स्टार वाली मैडम ने दिखाया वह चारों खाने चित हो गया। बदन की चमड़ी न उखड़ने पाए। उसने उस धौंस के आगे उन्हें ₹3000 सौंप दिया। पता नहीं कैसे मैडम को थोड़ी रहम आ गई उन्होंने ₹100 सिलाई के लिए देने लगी। दर्जी उनका पांच छूने वाले अंदाज में वह ₹100 भी सौंप कर 10 बार प्रणाम किया।

मृत्युंजय सिंह

मैं मृत्युंजय सिंह पिछले कई वर्षो से पत्रकारिता के क्षेत्र में विभिन्न राष्ट्रीय हिन्दी दैनिक समाचार पत्रों में कार्य करने के उपरान्त न्यूज़ सम्प्रेषण के डिजिटल माध्यम से जुडा हूँ.मेरा ख़ास उद्देश्य जन सरोकार की ख़बरों को प्रमुखता से उठाना एवं न्याय दिलाना है.जिसमे आप सभी का सहयोग प्रार्थनीय है.

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