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50 से कम संख्या वाले परिषदीय विद्यालय होंगे बन्द?

सरकार का फैसला, ऐसे विद्यालय निकटवर्ती विद्यालय में होंगे विलय

प्रदेश में 27 हजार से उपर विद्यालय जहां 50 से कम बच्चे

Lucknow news:  प्रदेश सरकार परिषदीय विद्यालयों की स्थिति सुधारने में कोई कोर कसर नही छोड़ रही है। बावजूद शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार नही हो रहा है। परिषदीय विद्यालयों में बच्चों की संख्या निरंतर गिरती जा रही है। जिसके बाद अब ऐसे विद्यालयों को सरकार बन्द करने का मूड बना रही है जहां 50 से कम छात्र है। ऐसे  उच्च प्राथमिक विद्यालयों को बंद कर दूसरे स्कूलों में विलय करने का फैसला लिया है। सरकारी आंकड़ों में इसकी संख्या 27000 के पार बताई जा रही है।

सरकार ने चिंता जाहिर करते हुए कहा कि परिषदीय विद्यालयों की शिक्षा ब्यवस्था के लिए विद्यालयों के वातावरण को दुरुत्त करने के लिए मिशन कायाकल्प के माध्यम से बेहतर लुक देने के साथ साथ शिक्षा की गुणवत्ता के लिए योग्य शिक्षक, ब्यायाम शिक्षक, कला आदि के लिए अनुदेशक की नियुक्ति की गयी। इसके साथ ही मुफ्त में किताब ,स्कूली, बैग यहां तक कि मध्याह्न भोजन दिया जा रहा है। फिर भी बच्चों की उपस्थिति संतोषजनक नही है।  प्रदेश सरकार के आकड़े में 50 से कम छात्रों वाले बदहाल 27,764  परिषदीय प्राथमिक और उच्च प्राथमिक विद्यालय हैं। जिन्हें बन्द करते हुए इन विद्यालय को पास के परिषदीय विद्यालय में विलय करने का निर्णय लिया है।

सरकार के इस फैसले का बसपा सुप्रीमो मायावती ने एक्स हैंडल पर लिखा है कि इन विद्यालयों में जरूरी सुधार करके उन्हें बेहतर बनाने के उपाय करने के बजाय उनको बंद करके उनका दूसरे स्कूलों में विलय करने का फैसला उचित नहीं है। ऐसे में गरीब बच्चे आखिर कहां और कैसे पढ़ेंगे? उत्तर प्रदेश व देश के अधिकतर राज्यों में  प्राइमरी व सेकण्डरी शिक्षा का बहुत ही बुरा हाल है जिस कारण गरीब परिवार के करोड़ों बच्चे अच्छी शिक्षा तो दूर, सही शिक्षा से भी लगातार वंचित हैं। 

मृत्युंजय सिंह

मैं मृत्युंजय सिंह पिछले कई वर्षो से पत्रकारिता के क्षेत्र में विभिन्न राष्ट्रीय हिन्दी दैनिक समाचार पत्रों में कार्य करने के उपरान्त न्यूज़ सम्प्रेषण के डिजिटल माध्यम से जुडा हूँ.मेरा ख़ास उद्देश्य जन सरोकार की ख़बरों को प्रमुखता से उठाना एवं न्याय दिलाना है.जिसमे आप सभी का सहयोग प्रार्थनीय है.

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