विद्यालय खुलते ही चलने लगे डग्गामार वाहन
स्कूली बसों का फिटनेस व इंशोरेंस फेल फिर भी भर रहे फर्राटा, निजी टैक्सी भुंसे की तरह भर रहे बच्चे
Chandauli news: तीन जुलाई से निजी व सरकारी विद्यालय का संचालन शुरू हो गया है। अधिकांश निजी विद्यालय संचालक बच्चों को विद्यालय तक ले आने व लेजाने के लिए स्कूली बसें रखे हुए है। जिसमें से अधिकाशं स्कूली वाहन खटारा हो गए है। लेकिन इनका संचालन शुरू हो गया है। विभागीय अधिकारी अभियान चलाकर ऐसे वाहनों पर कार्यवाही करने की बात कह रहे।
जनपद में 856 निजी विद्यालय संचालित है। इसमें 571 विद्यालय कक्षा 8 तक संचालित होते है। अधिकांश विद्यालयों में वाहन की सुविधा उपलब्ध है। लेकिन परिवहन कार्यालय में लगभग 897 वाहन विद्यालय के नाम पर पंजीकृत है। उन वाहनों में से लगभग 207 ऐसे वाहन है जिनका फिटनेस फेल हो चुका है। मतलब विभाग उसे डग्गामार घोषित कर चुकी है। ऐसे में इन वाहनों से बच्चों को लाने व लेजाने का कार्य बिल्कुल नही किया जाना है। बावजूद मंगलवार को ऐसे डग्गामार वाहन बच्चों को बेरोकटोक ढोते नजर आए।
जबकि कुछ ऐसे विद्यालय भी है जहां वाहन सुविधा नही है। वहां बच्चों को विद्यालय पहुंचाने की जिम्मेदारी उनके अभिभावक पर है। ऐसे में अभिभावक निजी वाहनों के सहारे हो गए है। निजी वाहन की स्थिति यह की छोटी छोटी वाहनों में भुंसे कई तरह बच्चे ठूंस कर भर रहे है। उनके बैग को वाहन के छत पर रख दे रहे। छोटी वाहनों में क्षमता से अधिक बच्चों को भरकर ले जाने में कभी ड्राइवर के नियंत्रण से वाहन बाहर हुई तो वाहन के अनियंत्रित होते ही एक साथ 25 -30 बच्चों का जान जोखिम में पड़ना तय है। इन ओवरलोड के कारण कई बार विद्यालय से भरी जीप पलट चुकी है। बावजूद कोई सुधार नहीं हो पा रहा है।
जिलाधिकारी निखिल टी. फूंडे ने इसे गम्भीरता से लिया है। उन्होंने कहा कि अभी परिवहन विभाग के अधिकारियों का स्थानांतरण हो गया है। एक दो दिनों में नए एआरटीओ आ जाएंगे। इसके बाद एआरटीओ, यातायात पुलिस की संयुक्त टीम लगाकर ऐसे लोंगो के खिलाफ़ अभियान चलाया जाएगा। उन्होंने कहा कि बच्चों के सुरक्षा में लापरवाही नही की जाएगी।