महिला मुंशी से छेडख़ानी के मामले में लीपापोती, स्थानांतरित बाबू कार्यमुक्त

पुलिस बड़े बाबू कार्यालय का मामला
Chandauli news: सरकार के मिशन शक्ति, महिला शशक्तिकरण, शक्ति दीदी कार्यक्रम पुलिस विभाग में ही कार्यवाही के अभाव में औंधे मुंह गिर पड़ी। कार्यवाही के नाम पर विभाग लीपापोती कर मामले को दबाने में लग गया। जिससे अनुशाशन की डोर म् बंधी महिला कर्मचारियों में रोष उतपन्न हो गया है।
पुलिस ऑफिस के बड़े बाबू कार्यालय में रक्षाबन्धन से एक दिन पूर्व एक बाबू ने महिला मुंशी के साथ छेड़खानी का कर दिया था। विभगीय सूत्रों का कहना है कि घटना उस समय हुआ जब जनपद म् तैनात इंस्पेक्टर का प्रमोशन हो गया था। उनके सर्विस रिकॉर्ड व अन्य कागजात को तैयार कर भेजना था। उक्त कार्य उसी बाबू के पटल का था। कम्प्यूटर कार्य से अनजान बाबू को मुंशी की आवश्यकता पड़ी। जो पहले से ही उक्त कार्यालय में नियुक्त थी। महिला मुंशी को बाबू ने बुलाया उसके कार्यालय आते ही बाबू ने महिला के साथ छेड़खानी शुरू कर दिया।
विभागीय जनों का कहना है कि इसके पूर्व भी उक्त बाबू ने महिला के साथ इस तरह का कृत्य किया था। उस समय कार्यालय के लोंगो ने बीच बचाव कर दिया था। एक बार फिर से महिला कर्मचारी के साथ बदसलूकी होने पर दूसरे दिन महिला ने बवाल मचा दिया। लेकिन पुनः उसी तरह की पंचायत शुरू हो गयी। मामला कार्यालय से बाहर न जाने पाए इसपर ज्यादा फ़ोकस हुआ। लेकिन बात बड़े बाबू कार्यालय से बाहर आ गयी। पुलिस लाइन में कानाफूसी शुरू हो गया।
मामला अधिकारियों के कान तक पहुंच गया। लेकिन पहले अपने बाबू कार्यालय पर पंचायत फिर अधिकारियों ने यह कहते हुए पल्ला झाड़ लिया कि कोई लिखित शिकायत नही है। सूत्रों का कहना है कि बाबू के कृत्य का प्रत्येक अधिकारियों ने सच्चाई का पता किया। हर किसी को विभागीय लोंगो ने दबी जुबान मामले को सही बताया। इसके बाद तो आपाधापी में उक्त बाबू को जनपद से कार्यमुक्त करते हुए यहां से भेज दिया गया।
वरिष्ठ अधिकारियों के इस कार्य प्रणाली से महिला कर्मचारियों में रोष है। महिला कर्मचारियों का कहना महिला कर्मचारियों के साथ इस तरह का शोषण के बाद भी कोई कार्यवाही नही हुई। अनुशासन में होने कारण सब कुछ सहन करना पड़ता है।
हालांकि अधिकारियों का कहना है कि जांच प्रचलित है, सीआरके को कार्यमुक्त कर दिया गया है।