वाह रे यूपी पुलिस: बेटी की मृत्यु के बाद न्याय के लिये थाने गए वृद्ध पिता पर बलबा व सरकारी कार्य में बाधा डालने का दर्ज हो गया केस

मृतका के भाई-बहन पिता सहित 15 को किया नामजद, 150 अज्ञात शामिल
दो वर्ष पूर्व हुई थी शादी, दहेज के लिए हो रही थी प्रताड़ित
गर्भवती स्थिति में हो गयी मृत्यु
Kanpur desk: शिवली पुलिस ने पिछले दिनों बेटी की मृत्यु के बाद फरियाद लेकर आये वृद्ध पिता, भाई बहन सहित 15 नामजद को व 150 अज्ञात के खिलाफ सड़क जाम करने, बलबा व सरकारी कार्य में बाधा उतपन्न करने के आरोप मे मुकदमा दर्ज हुआ है। न्याय के गुहार में गए लोंगो को पुलिस का यह प्रसाद पच नही रह है।


जानाकरी के अनुसार शिवली थाना के बड़ागांव निवासी शैलेन्द्र सिंह के साथ ककवन नदिहा खुर्द निवासी शशि सिंह के पुत्री ज्योति की शादी वर्ष 2022 में हुई थी। शादी के बाद से दोनों के बीच मनमुटाव शुरू हो गया। यहां तक कि आये दिन शैलेंद्र मारपीट करने लगा। मायके वालों को जानकारी हुई तो यह लोग शादी के बाद नए परिवार में इस तरह की परेशानी होने की सामान्य बात जानकर हस्तक्षेप करने में ढिलाई कर दिए। जिसके बाद ससुराल पक्ष के लोग उसे और भी ज्यादा प्रताड़ित करने लगे। इसी बीच शैलेन्द्र पत्नी को लेकर पुणे महाराष्ट्र चला गया। परिजनों को लगा कि पति पत्नी एक साथ रहेंगे। इससे अब सब कुछ ठीक हो जाएगा।

इसी बीच ज्योति गर्भवती हो गयी। लेकिन शैलेन्द्र के ब्यवहार में कोई बदलाव नही आया। पिछले दिनों उसकी हालत खराब हो गयी। जिसकी जानकारी होने के बाद ज्योति का छोटा भाई पुणे गया। जहां बहन को जमीन पर लेटा पाया। जब हॉस्पिटल ले जाया गया तब तक वह मृत हो चुकी थी। जिसके बाद परिवार के अन्य लोग भी पुणे पहुंच गए। पिता मृत बेटी का पोस्टमार्टम कराकर पुणे में एफआईआर कराने की बजाय वह शव को एम्बुलेंस से लेकर कानपुर आ गया।
साधारण किसान पिता को कानून के इस पेंच की जानकारी नही थी। जिससे वह एम्बुलेंस से शव को लेकर चले आये। जिस बेटी को डोली में विदा किया था उसकी अर्थी लेकर उसके दुःखित आत्मा को न्याय दिलाने के लिए शिवली थाने पहुंचकर पुलिस ने न्याय की भीख मांगने लगा। उधर पुलिस अपने कार्यप्रणाली के अनुरूप (अपने क्षेत्र में घटना हो उसके भी एफआईआर नही लिखना चाहती) यहां तो मामला पुणे में हुआ था। फिर सामान्य स्थिति में एफआईआर कैसे लिख लेती। घटना स्थल महाराष्ट्र का बताकर पुलिस परिजनों को टहला दी। मायके से लेकर ससुराल तक के लोग थाने में जुट गए।
मृतका के पति शैलेन्द्र ने बताया कि तबियत खराब होने पर निजी चिकित्सालय में भर्ती कराया गया। जहां से चिकित्सको ने रेफर कर दिया। जिला चिकित्सालय ले जाया गया जहां जसकी मृत्यु हो गयी। इस बात को लेकर दोनो पक्ष के बातचीत को पुलिस के हिसाब से माहौल तनावपूर्ण होने लगा। वरिष्ठ अधिकारियों के निर्देश पर पर अंततः देर शाम किसी तहत मुकदमा दर्ज कर उसे महाराष्ट्र पुलिस को हस्तानांतरित कर दिया। लेकिन परिजनों के एफआईआर लिखाने की जिद पर पीड़ित पक्ष के 15 लोंगो को नामजद करते हुए सरकारी कार्य में बाधा, बलबा जैसे गम्भीर धारा में मुकदमा दर्ज करा दिया गया। पुलिस के इस कार्यवाही से मृतका के परिजनों को दूसरा आघात लग गया है।