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सूर्या हॉस्पिटल के मामले में आखिर क्यों फेल हो जा रहा स्वास्थ्य विभाग का नियम कानून

हास्पिटल संचालक के प्रभुत्व पर घुटने टेक रहा है स्वास्थ्य विभाग

Chandauli news: ” समरथ को नही दोष गोसाई” रामचरितमानस के रचयिता गोस्वामी तुलसीदास जी की लिखी यह पंक्ति इस समय मुख्यालय स्थित सूर्या हॉस्पिटल पर सटीक बैठ रही है। स्वास्थ्य विभाग इस समय अभियान चला रहा है। इनके यहां 30 अप्रैल तक जिस हॉस्पिटल व पैथोलाजी ने अपना पंजीकरण नही कराया है।ऐसे जगह पर पहुंच कर स्वास्थ्य विभाग के आला अधिकारी प्रशासनिक अधिकारी के साथ जाकर सीधे सीज कर दे रहे। लेकिन किसी प्रभाव में आकर अथवा बंद हो रहे 2000₹ के नोटों की गड्डी के भार से दब जा रहे है। स्वास्थ्य विभाग के लोग इस हॉस्पिटल के सामने घुटने टेक दे रहे है। इसका जीता जागता प्रमाण उस समय प्रकाश में आया जब सदर तहसीलदार के साथ वरिष्ठ चिकित्सको की एक टीम सूर्या हॉस्पिटल पर जांच करने पहुंची थी।

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जिले में अब तक जहां लगभग आधा दर्जन अस्पताल व पैथोलाजी को केवल इस लिए सीज कर दिया गया कि वह लोग 30 अप्रैल तक विभाग में रजिस्ट्रेशन नही कराया था। जिनका अस्पताल व सेंटर सीज हुआ है। वह विभाग के अधिकारी के पीछे दौड़ रहे है। ठीक यही स्थिति सूर्या हॉस्पिटल की थी। अस्पताल के लोंगो ने 30 अप्रैल तक पंजीयन कराने की कोई जरूत नही समझी थी। क्योंकि इस अस्पताल के प्रबंधक पर कुछ ऐसे सत्ताधारी दल ने नेताओ का जबरदस्त हाथ है। जो कई बार चुनाव में हार का स्वाद चख चुके है।

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इसके बावजूद जिले के एक बड़े नेता का उनके उपर हाथ है। उससे लोंगो के बीच मे उनका भौकाल टाइट रहता है। भौकाल टाइट में ही वह अपने साथ बिचित्र बेडौलडाल वाले लोंगो के हाथ में बंदूक रूपी एक झुनझुना पकड़ा कर साथ चलने का प्रदर्शन करते है। जिससे आम लोग उनसे काफी दूर है। वहीं नियमों का उलंघन करने वालों में सूर्या हॉस्पिटल जैसे लोग बेदाग बचे हुए है। जनपद के लोग इस बात को लेकर आश्चर्यचकित है कि एक ही अपराध में कुछ लोंगो की दुकान दौरी सीज कर दी जा रही है। वहीं उसी तरह के मामले में अधिकारी अस्पताल तक जातेतो जरूर है । लेकिन गलातर करने वाला ठंडा पीकर लौट आ रहे है। यहां अस्पताल का पंजीयन, रजिस्ट्रेशन न होने के बाद भी सीज जैसी कार्यवाही क्यों नही हो पायी। इस पर उच्च न्यायालय के शासकीय अधिवक्ता आशीष नागवंशी ने गम्भीर रुख अपनाया है। उन्होंने संकेत दिया है कि दो रंगी चाल चलने वाले अधिकारियों के चाल को उच्च स्तरीय प्रकाश में लाया जाएगा।

मृत्युंजय सिंह

मैं मृत्युंजय सिंह पिछले कई वर्षो से पत्रकारिता के क्षेत्र में विभिन्न राष्ट्रीय हिन्दी दैनिक समाचार पत्रों में कार्य करने के उपरान्त न्यूज़ सम्प्रेषण के डिजिटल माध्यम से जुडा हूँ.मेरा ख़ास उद्देश्य जन सरोकार की ख़बरों को प्रमुखता से उठाना एवं न्याय दिलाना है.जिसमे आप सभी का सहयोग प्रार्थनीय है.

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