
गुरुपूर्णिमा पर भक्तों ने गुरु चरणों मे नवाया शीश
Chandauli news: गुरु की महिमा है अगम,गाकर तरता शिष्य। गुरुकाल का अनुमान कर गढ़ता आज भविष्य।।आषाढ़ माह के पूर्णिमा तिथि पर सोमवार को गुरु दरबार मे पहुंचकर भक्तों ने गुरु चरणों मे शीश नवाया। सुबह से ही भक्तों का रेला गुरु दरबार मे पहुंचने लगा था। जहाँ भक्तों की आस्था को देखते हुए दरबार सुबह तड़के सुबह ही मंगला आरती के बाद खोल दिया गया था। भक्त अपने जीवन पथ के मार्गदर्शक का दर्शन पाकर निहाल हो रहे थे।
गुरु के प्रति अटूट श्रद्धा, गुरु पूजा और कृतज्ञता का दिन गुरुपूर्णिमा। मान्यता है कि इस दिन परमपिता परमेश्वर भगवान शिव ने दक्षिणामूर्ति के रूप में ब्रह्मा के चार पुत्रों को वेद का ज्ञान प्रदान किया था। इसके साथ ही यह भी मान्यता है कि महाभारत के रचयिता महर्षि वेद ब्यास का जन्म भी गुरुपूर्णिमा के दिन हुआ है। इसलिए इसे ब्यास पूर्णिमा भी कहा जाता है।
सोमवार को नगर के नए सरकार की कुटिया, अभेद आश्रम, पड़ाव के कुष्ठ आश्रम सहित अन्य स्थलों पर सुबह से ही भक्तों का रेला पहुंच गया था। सकलडीहा के बहरवानी आश्रम, डगरिया सरकार के समाधि स्थल पर पहुंचकर दर्शन पूजन किया।इसके साथ तेनुअट गावं के यज्ञाचार्य रहे पंडित कृष्णकांताचार्य जी निज आवास पर पर पहुंच भक्त उनके तैल चित्र का दर्शन कर अपने आप को धन्य कर रहे थे। यज्ञाचार्य के बड़े पुत्र पंडित कौशलेंद्र पांडेय पिता के सहजभाव को ग्रहण किये दर्शन लाभ को आये भक्तों का आतिथ्य सत्कार में लगे थे। पूरे जिले में गुरुपूर्णिमा पर होने वाली भीड़ को देखते हुए सुरक्षा ब्यवस्था को लेकर पुलिस बल तैनात रही। वहीं आश्रमों के सामने छोटे छोटे दुकानदारों ने अपनी खिलौने,मिठाई फल फूल की अस्थाई दुकाने खोल रखी थी। जिससे बच्चे मनोरंजन कर रहे थे। वन सभी चहलकदमी से मेला जैसा माहौल हो बना रहा।