
सूर्य की तेज रोशनी के बाद घेरा देख हुआ आश्चर्य
Chandauli news: शुक्रवार के दोपहर में सूर्य को एक गोले में देख हर कोई आश्चर्य चकित हो गया। यह नजारा पूरे एक घण्टे तक देखा गया। लोग इसे कौतूहल मानकर फोटो खींचकर शोशल मीडिया पर प्रसारित करने लगे। कोई इसे चन्द्रमा और सूर्य का मिलन बता रहा था। जबकि वैज्ञानिकों ने से हेलो इफेक्ट का नाम दिया है।
सूर्य की तेज के सामने मोई आसमान में देखने की जहमत नही करता। वह भी अप्रैल से जून तक के माह में तो सुबह के सतग बजे से लेकर शाम के छह बजे के बीच तो बिल्कुल भी नही। लेकिन शुक्रवार को एक ऐसा दृश्य आसमान में दिखाई दिया। जिसकी खबर सूर्य को रोशनी की तरह फैल गयी। हर कोई भगवान भास्कर की तरफ देखने लगा। यहिं नही जिसने भी यह दृश्य देख वह डालने मोबाइल में सबसे पहले ऐसे कैद करना शुरू किया। उसके बाद अपने जान पहचान के लोंगो तक यह बात पहुंचाने में लग गए।
शुक्रवार के दोपहर में एक नजारा दिखा जिसमे भगवान भाष्कर एक गोले में दिखे। अभी पिछले 24 मार्च को चन्द्रमा में यह नजारा दिखा था। जिसे लोग आस्था से जोड़ते हुए देखे। जबकि यह खगोलीय घटना थी। शुक्रवार को भी इस प्रकार की खगोलीय घटना के कारण सूर्य एक गोले में दिखे। इसकी जांच की गई तो वैज्ञानिको ने बताया कि सूर्य के चारो तरफ यह गोला सूर्य और चंद्रमा का गोलाकार प्रभा मंडल होता है। जो 22 डिग्री एंगल पर एक दूसरे से मिलते है। यह चंद्रमा सूर्य की रोशनी पर नहीं बल्कि एटमॉस्फेटिक आइस की स्टल और लाइट के रिफ्लेक्शन से बनता है। इसे हैलो इफेक्ट कहते है।
पूरे वर्ष में 100 दिन दिखता है यह नजारा
सूर्य के गोले मव देखे जाने का नजारा वर्ष में 365 दिनों में से 100 दिन इस नजारे को देखा जा सकता है। यह पूरे अलग अलग स्थान पर अलग अलग तिथि में दिखाई दे सकता है। इनके पूर्व भी वर्ष 2019 में 01 जून को दिन में 11 बजे मध्य प्रदेश के सतारा में देखा गया था। 24 जुलाई 2019 को राजस्थान के कोटा में भी देखा गया था।