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खाद की उपलब्धता होते ही आपदा राहत जैसी मची लूट

सुबह 05 बजे से समिति पर पहुंच गए किसान लगा ली लंबी लाईन

निजी दुकानदारों के तर्ज पर समिति के सचिवो ने निर्धारित रेट से अधिक पर बेची खाद

Chandauli news: दिसम्बर माह का एक एक दिन जैसे ब्यतीत हो रहा किसानों के दिल की धड़कन रवि की बुआई को लेकर तेज हो गयी है। लेकिन उनके धड़कन की रफ्तार उर्बरक की कमी ने इस कदर बढ़ा दिया कि यह हार्ट अटैक तक पहुंचा दिया। स्थिति यही हो गयी कि जैसे अच्छे हॉस्पिटल में जाकर फिजिशियन को  दिखाने की बजाय छोला छाप से ही कुछ गोली लेकर लोग काम चला लेते है। बिल्कुल वही स्थिति किसानों की हो गयी। डीएपी के अभाव में सुपर से गेहूं की बुआई कर दिए। हालांकि गुरुवार को उर्बरक की खेप किसानों पहुँचने का दावा करते हुए आँसू पोछने का काम किया।

लंबी इंतजार के बाद जैसे ही समितियों पर डीएपी की खेप पहुंची उसे खरीदने के लिए इस कदर जनता समितियों पर जुटी जैसे प्रतीत हो रहा था कि बाढ़ आपदा के बाद गांव में अधिकारी लाई चना का पैकेट लेकर बांटने के लिए पहुंचते है। उसे पाने के लिए प्रभावित ब्यक्ति जैसे टूट पड़ता है। वही स्थिति समितियों पर देखने को मिली।

किसान तड़के सुबह ही प्रभारी के आये बिना अपने आप लंबी लाइन लगाकर जाड़े में बैठ गए। उधर समिति प्रभारी वरिष्ठ अधिकारियों की तरह 10 बजे के बाद पहुंचे। सचिव को देखते ही किसान  आधार देने के लिए टूट पड़े। किसानों के धैर्य का परीक्षा लेते हुए बड़े ही इत्मीनान से एक एक किसानों को उनके रकबा के अनुसार उर्बरक का वितरण शुरू हुआ।  खाद की किल्लत को देखते हुए समिति प्रभारी भी 1350 ₹ की बजाय 1370 में बेचना शुरू कर दिया।

मृत्युंजय सिंह

मैं मृत्युंजय सिंह पिछले कई वर्षो से पत्रकारिता के क्षेत्र में विभिन्न राष्ट्रीय हिन्दी दैनिक समाचार पत्रों में कार्य करने के उपरान्त न्यूज़ सम्प्रेषण के डिजिटल माध्यम से जुडा हूँ.मेरा ख़ास उद्देश्य जन सरोकार की ख़बरों को प्रमुखता से उठाना एवं न्याय दिलाना है.जिसमे आप सभी का सहयोग प्रार्थनीय है.

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