
फिटनेस नवीनीकरण के लिए रसीद 600₹ का, वाहन स्वामियों से होती है वसूली 3500₹
Chanadauli news: जिले के दस भ्रस्ट सरकारी विभाग की बात होगी तो उसमें उपसम्भागीय परिवहन अधिकारी (एआरटीओ) कार्यालय पहले स्थान पर होगा। यहां भ्रस्टाचार का बोलबाला इस कदर है कि जुर्माना की राशि का पांचगुना सुविधाशुल्क के नाम पर लेते है। इसके लिए बकायदे एआरटीओ कार्यालय के एक कमरे को सीसीटीवी रहित रखा गया है। जहां विभागीय कर्मचारियों की बजाय विभाग के नामित दलालों द्वारा बर्गेनिग की जाती है।

परिवहन विभाग में ट्रांसपोर्ट नम्बर के वाहनों के फिटनेस का नवीनीकरण हर वर्ष कराना होता है। जिसका निर्धारित शुल्क 600₹ है। वर्तमान परिवेश में एफआईआर तक के लिए अब थाने न जाकर ऑनलाइन एफआईआर दर्ज कराने की सुविधा से लेकर बिजली बिल, पानी का बिल सब कुछ ऑनलाइन जमा हो जाता है। लेकिन परिवहन विभाग का यह 600₹ कि निर्धारित फीस ऑनलाइन नही बल्कि ऑफलाइन मतलब कार्यालय जाकर ही जमा करना होता है। यही नही ऑन लाइन चलान का जुर्माना भी विभागीय खिड़की पर जमा होगा।

जहां निर्धारित जुर्माना का पांच गुणा सुविधा शुल्क के नाम पर लिया जाता है। सूत्रों का कहना है कि फिटनेस रजिस्ट्रेशन का शुल्क 600₹ है। लेकिन यहां 3500₹ लिया जाता है और रसीद 600₹ का पकड़ाया जाता है। यही नही 600₹ की यह फ़िटनेस फीस विभागीय एकल खिड़की पर वाहन स्वामी जमा करने गया तो वह तब तक नही जमा कर सकता जब तक विभागीय दलाल से डीलिंग न हो जाय। सूत्रों का कहना है कि बकायदे फाइल दलाल अपने हाथ में लेकर कार्यालय के उस कमरे तक वाहन स्वामी को लेकर जाता है जिस कमरे में सीसीटीवी नहीं लगा है। 600₹ धनराशि वाले कार्य के लिए 3500- 5000₹ का डिमांड होता है। अंततः 3500₹ पर फाइनल होने के बाद ही परमिट फिटनेस के प्रमाण पत्र मिलता है।
सूत्रों का कहना है कि उक्त धनराशि में ₹ 2000 एआरटीओ, 1000₹ आरआई व 500₹ बाबू व दलाल के बीच बंटता है।
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