
मांग पूरी न होने पर लखनऊ महानिदेशक कार्यालय पर धरना देने की चेतावनी
Chandauli news: शिक्षकों ने एक बार फिर से न लाईन उपस्थिति के विरोध में सोमवार को धरना प्रदर्शन करते हुए बेसिक शिक्षा अधिकारी व जिलाधिकारी को पत्रक दिया। इसके साथ ही इन सभी ने मांगे पूरी नहीं हुईं तो महानिदेशक कार्यालय लखनऊ पर अनिश्चितकालीन धरना करने का चेतावनी दिया।

बेसिक शिक्षा परिषद के विद्यालयों में शिक्षकों को अब ऑनलाइन अटेंडेंस भरना होगा। सुबह विद्यालय पहुंचने व शाम को विद्यालय छोड़ने के समय उपस्थिति दर्ज कराना होगा। सरकार के इस निर्णय का शिक्षकों ने विरोध शुरू कर दिया। इसी विरोध के क्रम में सोमवार को शिक्षक, शिक्षा मित्र कर्मचारी एवं अनुदेशकों ने संयुक्त मोर्चा के आह्वान पर धरना प्रदर्शन किया। इसके बाद बेसिक शिक्षा कार्यालय पहुंच कर पत्रक दिया। वही मुख्यमंत्री के नाम जिलाधिकारी निखिल टीकाराम फुंडे को पत्रक सौंपा। शिक्षक अध्यक्ष आनन्द सिंह ने कहा कि आनलाइन उपस्थिति दर्ज कराने का आदेश वापस नहीं हुआ तो सभी शिक्षक महानिदेशक कार्यालय लखनऊ पर पहुंचकर 29 जुलाई को अनिश्चित कालीन धरने पर चले जायेंगे।
उत्तर प्रदेश प्राथमिक शिक्षक संघ ने शिक्षकों की लंबित समस्याओं के निस्तारण हेतु शासन को अनेक बार पत्र प्रेषित किया जिसमें परिषदीय शिक्षकों को पुरानी पेंशन बहाल करने,राज्य कर्मचारियों की भांति 31 उपार्जित अवकाश,द्वितीय शनिवार अवकाश, अर्ध आकस्मिक अवकाश,प्रतिकर अवकाश, अध्ययन अवकाश, निशुल्क चिकित्सा सुविधा तथा शिक्षकों की पदोन्नति भी सम्मिलित है। उत्तर प्रदेशीय प्राथमिक शिक्षक संघ के प्रतिनिधि मंडल एवं उत्तर प्रदेश शासन के मध्य प्रमुख सचिव बेसिक शिक्षा की अध्यक्षता में दिनांक 30 अक्टूबर सन 2023 व दिनांक 9 नवंबर 2023 को शासन स्तर पर वार्ता संपन्न हुई थी किंतु उपरोक्त समस्याओं का निराकरण आज तक शासन द्वारा नहीं किया गया।

ज्ञातव्य हो कि बेसिक शिक्षा परिषद के अधीन अधिकारियों एवं अन्य कर्मचारियों को एक कैलेंडर वर्ष में 14 आकस्मिक अवकाश 31 उपार्जित अवकाश 12 द्वितीय शनिवार अवकाश के साथ-साथ अर्ध आकस्मिक अवकाश एवं निशुल्क चिकित्सकीय सुविधा की व्यवस्था है किंतु इसी विभाग में कार्यरत शिक्षकों को इन सारी सुविधाओं से वंचित रखा गया है। बेसिक शिक्षा परिषद का शिक्षक सबसे दुर्गम स्थान नौगढ़, बरहनी, चकिया , शहाबगंज जैसे अति पिछड़े इलाकों में अपनी सेवा पूरी ईमानदारी से दे रहा है जहां पर आवागमन हेतु सड़क भी उपलब्ध नहीं है यदि कहीं सड़क उपलब्ध है तो सार्वजनिक वाहन उपलब्ध नहीं है ,शिक्षक अपने निजी वाहन से पैदल यात्रा करके इन दुर्गम स्थान पर नदी जल भराव ,पगडंडी से होते हुए अपनी सेवा ईमानदारी से दे रहे हैं किंतु शिक्षकों को समाज के सामने सरकार के अधिकारियों द्वारा खलनायक साबित किया जा रहा है। दूर दराज से आने और जल्दीबाजी के कारण तथा रास्ता दुर्गम होने के कारण प्रतिमाह कोई न कोई शिक्षक काल के काल में समा जाता है। इस प्रकार से शिक्षकों के साथ अमानवीय दृष्टिकोण कहीं से भी न्यायोचित नहीं है वर्तमान समय में मानसून के चलते अधिकांश रास्ते जल भराव से बाधित हैं कहीं-कहीं सड़के पानी में डूब गई हैं, कहीं-कहीं शिक्षकों को नाव से नदी पार करनी होती है । ऐसी तस्वीरें आए दिन सोशल मीडिया पर प्रसारित होती रहती हैं, जिससे स्पष्ट होता है कि दुर्गम रास्तों पर तमाम प्रकार की बधाओ को पार करते हुए शिक्षक विद्यालय पर पूरी निष्ठा के साथ अपनी सेवा दे रहे हैं ।बहुत सारे गांव में नेटवर्क की समस्या के कारण डिजिटल हाजिरी देना संभव हो नहीं पाएगा । इन समस्याओं के निराकरण हेतु शासन को कई बार संगठन के माध्यम से अवगत कराया जा चुका है फिर भी शासन में बैठे हुए अधिकारी शिक्षक बंधुओ को रोबोट की भांति संचालित करके समाज के सामने विलन साबित करने में लगे हैं जिससे शिक्षकों के साथ-साथ सरकार की भी छवि धूमिल हो रही है।
इस अवसर पर मुख्य रूप से प्राथमिक शिक्षक संघ प्रांतीय प्रचार मंत्री देवेन्द्र यादव,बरहनी ब्लॉक अध्यक्ष यशवर्धन चकीया ब्लॉक अध्यक्ष अजय गुप्ता चहानिया ब्लॉक अध्यक्ष राजीव कुमार सकलडीहा ब्लाक अध्यक्ष जय नारायण यादव धानापुर ब्लॉक अध्यक्ष प्रदीप सिंह नियमताबाद ब्लॉक अध्यक्ष प्रवीण कुशवाहा नौगढ़ ब्लॉक अध्यक्ष महिपाल यादव सदर ब्लाक अध्यक्ष मुहम्मद अकरम के साथ-साथ महामंत्री विवेक सिंह , रामाश्रय आर्य, अखिलेश त्रिपाठी ,गौरव मौर्य ,चंद्रकांत सिंह, बाबूलाल मौर्य, अरविन्द तिवारी,जय बहादुर सिंह, राकेश बहादुर सिंह, कमलाकर सिंह,सत्येंद्र कुमार सिंह,मनोज कुमार, राजेश सिंह राजेश बहादुर सिंह, अलका सिंह दीपा सिंह, ईरा सिंह, प्रिया सिंह, आकृति सिंह आदि शिक्षक मौजूद रहे।