
सीट बेल्ट पर हुआ चालान तो देना होगा एआरटीओ को 15 हजार घूस
वाहन जांच की फाइन ऑनलाइन जमा करने की नही है ब्यवस्था
Chandauli news: सड़क पर एआरटीओ या फिर आरआई के वाहन जांच की जद में आये तो जुर्माना से अधिक उनकी जेब भरने के लिए तैयार रहें। क्योंकि भ्रस्टाचार की पराकाष्ठा पार कर चुके इन अधिकारियों को सरकारी राजस्व बढाने में कोई दिलचस्पी नही है। सरकारी राजस्व बढ़ाने के नाम पर यह सभी अपनी जेब नोटों की संख्या से जरूर ऊंची करने लगे है।

एआरटीओ व आरआई द्वारा वाहन जांच के दौरान सीट बेल्ट आदि के नाम लर चालान जोरों से किया जा रहा है। जिसका जुर्माना 3000₹ के आस पास है। लेकिन सीट बेल्ट पर जुर्माना ऑनलाइन जमा करने की कोई ब्यवस्था नहीं है। विभागीय सूत्रों की माने तो यह पोर्टल विभाग से बन्द है। अब ऐसी स्थिति में जुर्माना की राशि जमा नहीं हुआ और पुनः जांच में पकड़े गए तो अपने आप यह जुर्माना दुगुना हो जाएगा। जिसे बचाने के लिए वाहन स्वामी कार्यालय पहुंचते है। फिर यहां उन लोंगो का बिना ब्लेड के तश्करा से मुंडन शुरू हो जाता है।

चलान सीट बेल्ट पर हुआ। लेकिन विभाग में पहुंचते ही प्रदूषण, फिटनेस, इंसोरेंस जैसे कागजात की मांग होने लगता है। इन सभी कागजातों की कमी का अलग अलग जुर्माना है। कुल मिलाकर एक वाहन पर 30- 35 हजार की पेनाल्टी बता दी जाती है। इसके बाद साहब के एजेंट व वाहन स्वामी के बीच बर्गेनिग शुरू हो जाता है। मामला 10-15 हजार तक में फाइनल हो जाता है। जिसके बाद 3000₹ का रसीद पकड़ा दी जाती है।
साहब का कमीशन व सरकार का फीस एक नजर में-
पुरानी गाड़ी खरीद कर अपने नाम ट्रांसफर कराना चाहते है तो उसके लिए सरकारी फीस अलग है लेकिन साहब का कमीशन उससे अधिक है…
मोटरसाइकिल- सरकारी फीस 150₹ -कमीशन 400
कार- सरकारी फीस 300- कमीशन 800₹
गैर प्रान्त कार- कमीशन 4000₹
गैर जनपद आईडी(पता) सभी वाहनों का कमीशन दुगुना।