क्राइमचंदौली

ब्यापारी गुमशुदगी की गुत्थी…. पार्ट 12

ब्यापारी का नही मिला होता मोबाइल तो आधा दर्जन ब्यापारी उत्पीड़न का होते शिकार

चन्दौली। सकलडीहा ब्यापारी सुमित रस्तोगी के गुमशुदा होने के बाद उसका दोनों मोबाइल मिल जाना आधा दर्जन ब्यापारियों के बढ़ रहे मुसीबत के लिए कारगर हो गयी। आधा दर्जन से अधिक ब्यापारियों को पुलिस उत्पीड़न के शिकार से बचा दिया। अन्यथा गुमशुदगी के बाद का जो स्क्रिप्ट लिखा गया था। उनमे बरामदगी के लिए लगायी गयी आधा दर्जन पुलिस टीम के पुलिसिया अंदाज से गुजरना पड़ता।

ब्यापारी के गुमशुदगी की शिकायत परिजनों ने सकलडीहा कोतवाली में किया। जिसके बाद पुलिस पहले दिन सीसीटीवी फुटेज व अन्य उपकरणों के माध्यम से खोज बिन शुरू किया। लेकिन कहीं पता नही चला। दूसरे दिन व्यतीत होने के बाद पुलिस के लोग ब्यापारी के रिश्तेदारों के यहाँ टीम भजेना शुरू किया। लेकिन कहीं भी पता नही चला।

पुलिस सूत्र की माने तो ब्यापारी के घर पहुंच कर परिजनों से पुलिस के अलग अलग लोग जनकरी लिए तो इसमे कई बातें सामने आयी। परिजनों से सस्पेक्टेड लोंगो के विषय मे जानकारी लिया। इसमे आधा दर्जन से अधिक लोंगो का नाम शक के आधार पर बताया। पुलिस उन लोंगो की कुंडली खंगाल ही रही थी कि ब्यापारी का दूसरा मोबाइल पुलिस के हाथ लग गया। इसके बाद से पूरा मामला पलट गया। हालांकि पुलिस ने आधा दर्जन ब्यापारियों से भी पूछताछ कर उनके बयान दर्ज किये। ब्यापारी के मोबाइल पर मिले मैसेज पर पुलिस इसे घरेलू विवाद मानकर सुलझाना चाहती थी। लेकिन ब्यापार मंडल का इस गुमशुदगी को लेकर किये गए धरना प्रदर्शन व बढ़ते दबाव पर कुंडली खंगालना शुरू किया। जिसका परिणाम रहा कि आधी रात में रहस्यमयी ढंग से व्यापारी बरामद हो गया। पुलिस का मानना है कि इसमे कुछ ऐसे लोग है जिनकी सक्रियता प्रथम दृष्टि संदेहास्पद है। उनके गतिविधि की जानकरी की जा रही है। पुलिस को उन लोंगो की तलाश है जो सम्भवतः इस घटना के पीछे का राज खोल पाएंगे।

ब्यापारी गुमशुदगी गुत्थी और जानकारी के लिए पढ़े…. newsplace.in का पार्ट…13

मृत्युंजय सिंह

मैं मृत्युंजय सिंह पिछले कई वर्षो से पत्रकारिता के क्षेत्र में विभिन्न राष्ट्रीय हिन्दी दैनिक समाचार पत्रों में कार्य करने के उपरान्त न्यूज़ सम्प्रेषण के डिजिटल माध्यम से जुडा हूँ.मेरा ख़ास उद्देश्य जन सरोकार की ख़बरों को प्रमुखता से उठाना एवं न्याय दिलाना है.जिसमे आप सभी का सहयोग प्रार्थनीय है.

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