
विद्यापीठ में नौकरी के नाम पर लिया था पांच पांच लाख
चन्दौली में भी एक महाठग पर हो चुका है मुकदमा
महाठग एक दर्जन लोंगो को दे चुका है बाउंस चेक, सदर कोतवाली में दर्ज है मुकदमा
Varanasi news: नौकरी दिलाने के नाम पर पैसा ऐंठने व ज्वाइनिंग का फर्जी लेटर जारी झरने के मामले में विशेष न्यायाधीश (एससी/एसटी एक्ट) अनिल कुमार पंचम की अदालत ने एक जालसाज को छह साल की सजा सुनाई है व डेढ़ लाख रुपये अर्थदंड से दंडित किया है। अर्थदंड अदा न करने पर अभियुक्त को एक वर्ष के अतिरिक्त कारावास की और सजा भुगतनी पड़ेगी। यह जालसाज नौकरी के नाम पर एक दर्जन लोंगो से पांच पांच लाख रुपया लिया था। वही इस तरह का प्रकरण चन्दौली में है। जहां एक महाठग ने एक दर्जन से अधिक लोंगो से नौकरी के नाम पर पैसा लिया। उसके बाद लोंगो को बाउंस चेक पकड़ा देता था।

जानकारी के अनुसार बिजौरा भरदह, गाजीपुर निवासी वादी अविनाश कुमार ने कैंट थाने में प्राथमिकी दर्ज कराई थी। आरोप था कि वादी व उसके कुछ साथी पाण्डेयपुर में एयरफोर्स की कोचिंग करते थे। उसी दौरान कोचिंग में आने-जाने वाले अस्सी घाट, भेलूपुर निवासी अभियुक्त मनीष उपाध्याय से परिचय हुआ। बातचीत में उसने बताया कि उसके पिता विद्यापीठ में सर्विस करते हैं अधिकारियों के संपर्क है। उनसे कहकर जिस विभाग में चाहोगे उस विभाग में तुम लोगों की नौकरी लगवा दूंगा। झांसे में आकर वादी ने उसे पांच लाख रुपये दिए। जिसके बाद उसने विकास भवन में जिला कोआर्डिनेटर के पद का एक फर्ज़ी ज्वाइनिंग लेटर उसको दिया।
इसके बाद दीपक कुमार को एचडीएफसी बैंक में कैशियर, राकेश कुमार को मुगलसराय स्टेशन इंचार्ज व सत्येंद्र कुमार को आर्मी मेस इंचार्ज का फर्ज़ी नियुक्ति पत्र देकर सबसे पांच-पांच लाख रुपये ले लिए। मनीष ने अपने झांसे में एक दर्जन लोंगो को फर्जी नियुक्ति पत्र बांट दिए। जब नियुक्ति पत्रक लेकर यह सब मौके पर गए तो वहां जालसाजी का राज खुला। इसके बाद उनलोगों ने अपने पैसे वापस मांगे तो अभियुक्त उनलोगों को जातिसूचक शब्दों का प्रयोग करते हुए गालियां देते हुए जान से मारने की धमकी देने लगा। बाद में दबाव बनाने पर अभियुक्त ने कुछ चेक दिए, वे भी फर्ज़ी निकले। इस पर न्यायालय ने अभियुक्त को छह साल की सजा सुनाई है।