
गया बाबू कर गया6 करोड़ का घालमेल
दूसरे के पीपीएफ व डीए के पैसे से बना लिया राजशाही ठाठ
Chandauli news: रेलवे में तैनात सिपाही गुणा गणित से पहले बाबू बन गया। घालमेल करने के विषय में जानकारी लिया। इसके बाद इस कदर मर्मज्ञ हुआ कि वर्षों से कार्य कर रहे विषेषज्ञों को कानो कान खबर तक नही लगी। देखते ही देखते राजशाही अंदाज में जीवन यापन करने लगा। पत्नी, साढु सब माला माल हो गए। हालांकि उसके काले कारनामे का राज खुल ही गया। फिर क्या था जो सहयोगी था उसने ही हथकड़ी भी लगायी। अब सलाखों के अंदर हो गये।
बुधवार को पुलिस अधीक्षक डॉ अनिल कुमार व आरपीएफ के कमाण्डेन्ट जतीन बी राज संयुक्त रूप से पुलिस के द्वारा पकड़े गए घोटालेबाज सिपाही\ बाबू युवराज के विषय में जानकारी देते हुए पत्र प्रतिनिधियों से बताया कि आरपीएफ कार्यालय में तैनात यह बाबू अपने साथियों के पीपीएफ व डीए के पैसे का घोटाला कर लिया है। इसका राज तब खुला जब एक सिपाही ने जीपीएफ़ से लोन के लिए प्रार्थना पत्र दिया। लोन पास होकर खाते में चला भी गया लेकिन सिपाही को फूटी कौड़ी भी नही मिला। इसके बाद जब पूछताछ किया गया तो मामला खुला। जिसके बाद पुलिस ने बाबू को जेल भेज दिया।आरोपी बाबू जीपीएफ़ व डीए के का पैसा अपने पत्नी के खाते मे मंगवाता था। फिर यहाँ से सेम डेट सम्बंधित खाते में भेज देता था। अब तक 38 लोंगो के साथ ऐसा करते हुए 6 करोड़ का गबन किया।पुलिस अधीक्षक ने बताया कि यह डीए वगैरह का बिल बढाकर भेजता था। जिसे अपनी पत्नी के खाते में मंगाता था। यह कार्य करने के लिए उसने एआईएमएस साफ्टवेयर को हैक कर लिया था।
ऐसे हुआ खुलासा…
आरपीएफ कमाण्डेन्ट जतीन बी राज ने बताया कि आरक्षी मो. मुजीब पीएफ के लिए आवेदन किया था। जिसके पैसे का भुगतान खाते में हो गया। लेकिन उसे इस बात की जानकारी नही थी। जब मो. मुजीब ने कार्यालय अधीक्षक के यहां जाकर पता किया तो वहां से जानाकरी मिली कि पीएफ का भुगतान कब का खाते में कर दिया गया। जब खाता का विवरण जाना तो यह खाता युवराज के पत्नी की है। इसके बाद राज खुलता गया। गबनकर्ता आरोपी के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर कार्यवाही शुरु कर दी गयी।