
सीपीडीएस की टीम को चैन पुलिंग रोकने की जिम्मेदारी
विभागीय कारखास पवन और अच्छेलाल यादव सीपीडीएस टीम के इंचार्ज
डीडीयू नगर से खुलते ही ट्रेन के परिचालन की गति हो जाती है धीमी
गंजख्वाज़ा व मझवार के बीच रात्रि में गुजरने वाली ट्रेनों का होता है चैनपुलिंग
गंजख्वाज़ा स्टेशन से शराब तश्करी का होता है खेल- सूत्र
Chandauli news:” जिसके कंधे पर तिजोरी की जिम्मेदारी वही लुटेरा” यह कहावत आरपीएफ पर सटीक बैठा रही है। कारण की ट्रेन परिचालन में चैनपुलिंग एक बाधक है। जिसे रोकने के लिए आरपीएफ सीपीडीएस टीम को ट्रेनों के चैनपुलिंग को रोकने की जिम्मेदारी दी है। लेकिन विडम्बना यह है जिनके कंधे पर यह जिम्मेदारी दी गयी है वह विभाग के खजांची है। विभागीय जरूरत के अलावा अन्य कोई भी जरूरत पड़े इनको ही याद किया जाता है। मतलब साहब के सबसे खास ब्यक्ति।

सीपीडीएस इंचार्ज के रूप में पवन व अच्छेलाल यादव को दी गयी है। यार्ड पोस्ट पर सदानन्द यादव विभागीय कारखास है। बिहार शराब तश्करी ट्रेन सबसे बड़ा साधन बनता जा रहा है। रात्रि में जैसे ही डीडीयू नगर स्टेशन से गया लाइन पर ट्रेन आगे बढ़ती है इसके रुकने का क्रम जारी हो जाता है। प्रतिदिन गंजख्वाज़ा और मझवार के बीच चैन पुलिंग कर गाड़ी रोकी जाती है। सूत्रों की माने तो उंक्त स्टेशन के पास से शराब की बड़ी खेप बिहार के लिए लोड होती है। जब कभी अधिकारी संवेदनशील होते है तो उंक्त स्टेशन से ही भारी मात्रा में शराब पकड़ी जाती है। यह बात दूसरी है कि एक भी तश्कर पुलीस के हत्थे नही चढ़ते।इस राज से पर्दा तब उठा जबपिछले दिनों गहमर के पास ट्रैक किनारे मिली आरपीएफ कर्मियो के शव की गुथ्थी को सुलझाने में लगी जांच टीम अपने हिसाब से जानकारी जुटा रही है। उसमें इस बात का खुलासा हुआ है।