
एनडीपीएस के दो तश्करों को 7 लाख में छोड़ने की मिली थी शिकायत
एसएसपी ने आईपीएस अधिकारी से कराई छापेमारी, एसएचओ के कमरे से मिला 9 लाख
Barelli news desk: मुख्यमंत्री के भ्रस्टाचार मुक्त प्रदेश के विजन को धूलधूसरित करने का वीणा उठा चुके भ्रस्टाचारी अपने मंसूबे पर पूरी तरह से कामयाब है। जिन्हें दायित्व दिया गया है वह इस विजन का पहले की सरकारों से कई गुणा बढ़ा दिए है। अभी कुछ दिनों पूर्व बलिया के नरहीं में ऐसा मामला सामने आया था। तब तक एक मामला यहां भी आ गया। जहां फरीदपुर इंस्पेक्टर ने एनडीपीएस मामले में दो आरोपियों को छोड़ने के लिए 07 लाख रुपये घूस लेकर छोड़े जाने की शिकायत पर जब छपेमारी हुआ तो इंस्पेक्टर दिवाल फांद भाग गया। जब इंस्पेक्टर के कमरे में तलाशी ली गयी तो 09 लाख बरामद हुआ। इंस्पेक्टर के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर गिरफ्तार करने के लिए टीम लगाई गई है।

एसएसपी अनुराग आर्या को शिकायत मिली थी कि फरीदपुर इंस्पेक्टर राम सेवक सात लाख रुपया लेकर दो स्मैक तश्कर नवदिया निवासी आलम, मोहम्मद इस्लाम, नियाज अहमद को छोड़े है। इसपर एसएसपी ने एसपी दक्षिणी आईपीएस अधिकारी मानुष पारीक से छापा डलवा दिया। जैसे ही मानुष पारीक थाने पर पहुंचे थाना प्रभारी दीवाल फांद भाग गया। आईपीएस अधिकारी ने फोर्स के साथ उसके आवास पर छापा मारा, तो पुलिस को कमरे के बेड पर नोट पड़े मिले। जिसका मिलान करने पर 9 लाख निकले। पुलिस ने इंस्पेक्टर पर भ्रष्टाचार का केस दर्ज किया है। इंस्पेक्टर की तलाश में दबिश जारी है। सूत्रों की माने तो फरीदपुर थाना प्रभारी रामसेवक के खिलाफ कुछ दिन से शिकायत मिल रही थी। अधिकारियों ने बताया कि फरीदपुर पुलिस ने इन सभी को छोड़ने के लिए इंस्पेक्टर फरीदपुर रामसेवक ने 9 लाख रुपये लिए। यह पैसा थाने के आवास के बेडरूम में लिया गया।

उधर इस मामले में पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने ट्वीटर पर ट्वीट करते हुए एसएसपी के कार्यप्रणाली पर प्रश्न चिह्न खड़ा करते हुए कहा कि पोस्टिंग के समय तो इंस्पेक्टर का इतिहास पता रहा होगा। फिर कैसे पोस्टिंग हो गयी। यदि जानकारी नही थी तो यह पुलिस के इंतेलीजेन्स की नाकामी है। उन्होंने कहा भ्रस्टाचार का तरबूजा को कटा लेकिन बराबर नही बंटा। इसलिए कार्यवाही की गई।