प्लास्टर हो या प्लाज्मा बिना सुवजधा शुल्क के उपलब्ध नहीं
आंख दिखाने पर तैनात कर्मचारी कालने दुकान से बनवाने का बनाते है दबाव
Chandauli news: जिला अस्पताल जो वर्तमान समय में मेडिकल कालेज से संचालित हो रही है। जहां व्यवस्था दुरुस्त होने की बजाय दलालों के मकडजाल मे फंस गया है। अस्पताल आने वाले मरीज उनके परिजन फंसकर पिस रहें हैं। मरीजों को प्लास्टर लगाने के एवज मे अस्पताल मे निर्धारित शुल्क जमा कराने के बाद भी धन उगाही हो रही है।मंगलवार को एक नहीं बल्कि दो ऐसे मामले प्रकाश मे आए जिसमें मरीजों द्वारा प्लास्टर बांघने के एवज मे निर्धारित शुल्क जमा तो करा लिया गया था रसीद भी नहीं दी गयी थी ऊपर से औऱ भी पैसे की मांग की जा रही थी अब वह पैसे की मांग करने वाला अस्पताल का ही था या कोई बाहर का व्यक्ति अस्पताल प्रशासन जांच मे जुटा है।
चंदोस की मडई चांद बिहार से जलावती देवी इस उम्मीद से अपने पुत्र के साथ जिला अस्पताल आयी हुयी कि उन्हें बेहतर इलाज सुविधा मिलेगी।जांचोपरांत प्लास्टर बांधने की नौबत आ गयी।प्लास्टर बांधने के लिए बकायदे 399 रुपए जमा किए गए लेकिन रसीद नहीं दिया गया।मरीज की मानें तो प्लास्टर बेहतर तरीके से नहीं बांधा गया पुन: प्लास्टर बांघने की बात कहकर पांच सौ रुपए की मांग की गयी वहीं दूसरा मामला नवहीं के रहने वाले शिवा कुमार के साथ हुआ इनके द्वारा निर्धारित शुल्क जमा किए जाने के बाद भी रसीद तो नहीं मिला ऊपर से किसी कतिपय लोगों द्वारा आठ सौ की मांग की जाने लगी।भुक्तभोगियों ने जिला अस्पताल के डाक्टर सच्चिदानंद से पूरे मामले से अवगत कराया गया।हांलाकि यहां मरीज की तत्परता से अतिरिक्त पैसा तो नहीं लगा लेकिन जमा शुल्क की रसीद अगले दिन दिए जाने की बात कही गयी। अस्पताल प्रशासन द्वारा जांच कर आवश्यक कार्यवाही की बात कही गयी तब जाकर मरीज व उनके स्वजन शांत हुए।