
स्टेशन पर आने वाले यात्री समझ नही पाते कि मन्दिर या है सर्राफ की दुकान या फिर हॉस्पिटल की फ्रेंचाइजी
Chandauli news: करते है लोग आजकल उनको ही सलाम, जो बेच देते लालच में ईमान। न होता है गम जरा भी अपने करम पर उन्हें, जो खरीद लेते है सच को बेदाम आजकल।। यह लाइन रेलवे के भ्रष्ट अधिकारियों व दुकान का प्रचार कर अपने रोजगार को बढ़ाने वालों पर सटीक बैठ रही है।

यह फ़ोटो डीडीयू नगर स्टेशन परिसर में स्थित हनुमान जी मन्दिर का है। जिसका अस्तित्व रेलवे व दुकान का प्रचार करने वालों ने मिलकर समाप्त कर दिया। दरसल रेलवे प्रचार के लिए अपने प्लेटफार्म , परिसर आदि को बेचा करती है। बेचने की आदत इस कदर लगी कि परिसर में स्थित ” हनुमान ” मन्दिर को ही बेच डाली। जिसके खरीदार के रूप में वर्तमान समय में दो प्रतिष्ठित प्रतिष्ठान है।

एक तरफ प्रदेश की सरकार मंदिरों के अस्तित्व को बचाने के लिए प्रयास कर रही है। जिसका असर है सम्भल आदि जैसे स्थानों पर वर्षों से बन्द पड़े मंदिर में पूजा पाठ प्रशाशन शुरू करा दी। एक तरफ इस परिसर में भब्य मन्दिर बना हुआ है। लेकिन मन्दिर का अस्तित्व ही समाप्त है। बड़े बड़े बोर्डों ने मन्दिर को पूरी तरह से ढंक दिया है।
आस्थावान देश में एक तरफ महाकुम्भ में भारी भीड़ के कारण हादसा हो गया। जिसके बाद ब्यवस्थाये चरमरा गई है। लेकिन इसके बाद भी जो लोग जहा फसे है वही इस बात से आनंदित है कि अब घर वापस तभी जाएंगे जब संगम में गोता लगा लेंगे। आस्थावानों के आगे नतमस्तक प्रशासन स्टेशन पर सुरक्षा ब्यवस्था का जायजा लेने के लिए उच्चाधिकारियों की धमा चौकड़ी चल रही है लेकिन किसी की निगाह इन बोर्ड के कारण अस्तित्व खो रहे इस मंदिर की तरफ नही गया।