बुखार में पैरासिटामोल हो जाता है बेअसर
Chandauli news: तापमान 42 डिग्री के पार हो गया है। ऐसे में मनुष्य के साथ साथ पशु पक्षी भी बेहाल हो गए है। संक्रमित रोगों की अधिकता हो जाती है। ऐसे में सेहत का खास ख्याल रखने की आवश्यकता है। उसमें भी सबसे ज्यादा ध्यान बच्चों को देने की आवश्यता है।
मरीजों की संख्या निरन्तर बढ़ रही है। अस्पतालों में बेड नही मिल रहे है। बुखार रोगी की संख्या में निरंतर बढ़ोत्तरी हो रही है। ऐसे में सबसे अधिक सावधानी बच्चों के प्रति दिखाने की आवश्यकता है। नमन चाइल्ड केयर सेंटर भोजापुर के प्रबंधक व नवजात-बाल शिशु रोग विशेषज्ञ डॉक्टर पीएन दूबे का कहना है कि इस समय तापमान का असर बच्चों पर सबसे अधिक पड़ रहा है। जिसके कारण पेट दर्द, बुखार, दस्त वगैरह की समस्या सबसे अधिक बढ़ रही है।
डॉक्टर दुबे का कहना है कि बच्चों में बुखार की समस्या होने पर तत्काल कोल्ड स्पंजिंग(पूरे शरीर को ठंडे पानी से कपड़े बिगोकर पोछे) करें। यह बार बार करें। हिट वेब की शिकायत होने पर पैरासिटामोल जो अक्सर बुखार में दी जाती है। जिसका नाम लोग जानते है। कभी कभी यह दवा भी बेअसर हो जाती है। इस स्थिति में घबराने की आवश्यकता नही है। बस पूरे शरीर को कपड़े भिगोकर पोंछे। घर का तापमान ठीक रखें। इसके बाद बच्चों के डॉक्टर को दिखाएं।
बच्चों के तबियत बिगड़ने पर क्या करें:
डॉ पीएन दुबे का कहना है कि अक्सर बच्चे खेलते है, लेकिन उसके अनुरूप पानी कम पीते है। इससे उन्हें लू लगने की सम्भावना अधिक हो जाती है। इस स्थिति में घरेलू उपाय भी काफी कारगर है। दस्त की अवस्था में डॉक्टर दुबे का कहना है कि पके चावल का पानी (मांड) लू में रामबाण है। यह बच्चों के साथ कोई ले सकता है। इसमें काला नमक मिलाकर इसका प्रयोग करें। इसके साथ ओआरएस का घोल हर घर में आसानी से उपलब्ध है। नमक, चीनी, पानी व नीबू का घोल लें।