
जांच के बाद कार्यवाही के लिए लटकाए रहे फाइल, रिलीव होने से पूर्व कर गए निलंबित
हेडमास्टर व सहायक के बीच चल रहा था मतभेद, शिक्षण कार्य हो रहा था प्राभावित
Chandauli news: नियामताबाद प्राथमिक विद्यालय के हेडमास्टर व सहायिका के बीच चल रहे द्वंद युद्ध का पटाक्षेप करने में असमर्थ बीएसए कार्यवाही के नाम पर फाईल लटकाए रहे। मामला दोनों पक्ष से राजनैतिक होने के कारण इसे जाते जाते निलंबन की कार्यवाही करते गए। दोनों शिक्षकों को निलंबित कर अलग अलग।विद्यालय पर सम्बद्ध करते गए।

हेडमास्टर उमेश तिवारी व सहायक अध्यापक सुनीता के बीच के मतभेद था। एक दूसरे के उपर आरोप लगाते हुए प्रार्थना पत्र पड़े थे। बीईओ ने दोनों के खिलाफ कार्यवाही की सन्तुति करते हुए बेसिक शिक्षा अधिकारी को जांच आख्या प्रस्तुत कर दिया। लेकिन तत्कालीन बेसिक शिक्षा अधिकारी प्रकाश सिंह मामले में कोई निर्णय नहीं ले रहे थे। सूत्रों के मुताबिक दोनों पक्ष से लेन देन कि सेटिंग हो रही थी। लेकिन मांग क्षमता से कहीं अधिक था जिसके कारण इस मामले में राजनीतिक हस्तक्षेप हो गया। लेन देन का मामला गड़बड़ा गया।
प्रधनाध्यापक पर आरोप था कि सहायक अध्यापिका को ग्रीष्मावकाश में गैरहाजिर दिखाया था। प्रधानाध्यापक पर फर्जी हस्ताक्षर करने और रसोईया की ओर से फर्जी तरीके से एससी-एसटी का मुकदमा दर्ज कराने सहित मानसिक प्रताड़ना के आरोप करने की शिकायत थी। जिसकी जांच आख्या बीईओ ने दिया था। उधर बेसिक से डीआईओएस के पद पर प्रमोशन के बाद भी एक माह तक रिलीव न होने वाले बीएसए यहां पुराने मामलों के निस्तारण में तेजी दिखाना शुरू कर दिए। लेन देन का की तीब्र गति को देखते हुए इसकी शिकायत उच्च स्तरीय अधिकारियों तक पहुंच गई। जिसपर 16 जनवरी को रिलीव होकर सिद्धार्थनगर में ज्वाइन करने का आदेश आ गया। इसके बाद जाते जाते बीएसए ने दोनों अध्यापकों को निलंबित करते हुए अलग अलग विद्यालय पर सम्बद्ध करते गए।