नौबतपुर में ट्रकों से अवैध वसूली में हिस्सेदारी तो बनती होगी?
Chandauli news: सैयदराजा थाना में तैनात सिपाही के वसूली का ऑडियो वायरल होने के बाद पुलिस अधीक्षक ने तत्काल चकरघट्टा के लिए आदेश कर दिए। लेकिन यहां जाने से पहले ही सिपाही ने अपनी राजनैतिक पहुंच का ट्रेरर दिखाया। हालांकि इस बार यह काम नही आया। चकरघट्टा आमद कराने से पूर्व निलंबन की कार्यवाही हो गयी। यह कार्यवाही सीओ सदर के जांच आख्या की संस्तुति पर की गई है। हालांकि इस वसूली कांड में ईमानदारी से जांच हुई होती तो और भी लोंगो पर गाज गिरनी तय थी। लेकिन वसूली कांड के सबसे छोटे प्यादे को निलंबित कर मामले को दबा दिया गया है। जबकि एसपी अभी बड़ी कार्यवाही का संकेत दिए है।
प्रदेश का सबसे आखिरी थाना लेकिन मोटी कमाई में अच्छे अच्छे महानगरों का नाक काट देता है। तभी तो यहां पर पोस्टिंग के लिए प्रदेश के बड़े से बड़े अधिकारी व मंत्री तक की पैरवी लगती है। सिपाही की पोस्टिंग से लेकर इंस्पेक्टर तक अधिकांश बिना जुगाड़ के इस थाने पर पोस्टिंग नही पा सकते। एक समय ऐसा भी था जब बकायदे इन थानों के लिए बोली लगती थी। हालांकि वर्तमान समय मे पोस्टिंग का सिस्टम बदल गया है। लेकिन इस थाने पर पोस्टिंग उसी नियत से कराई जाती है।
शनिवार को ऑडियो में बालू तश्कर से हेड कांस्टेबल ने चन्दौली में प्रवेश के नाम पर 10 हजार रुपया का पर सहमति बनवाया है। वह भी प्रतिदिन का ग्राहक होने पर दस हजार। अन्यथा यहां का निर्धारित रेट 20 हजार रुपया है। एक दिन में एक हजार से अधिक ट्रक नौबतपुर से जिले में प्रवेश करती है।
आंकड़े से समझते है सैयदराजा की कमाई
1000 ट्रक का जनपद में प्रवेश, उसमें से 50% ट्रक ओवर लोड की होंगी। अब 500ओवर लोड ट्रक×10000= 500000 ₹, इसे भी छोड़ दिया जाय। इन ओवरलोड ट्रकों में से कुछ ऐसे भी होंगे जिसे हाथ लगाने की जहमत कोई मोल नही लेता होगा। ऐसे ट्रकों की संख्या 20% । मतलब फिर भी कम से कम 300- 400 ओवर लोड ट्रक ऐसे है जो अपने सेटिंग से जनपद में प्रवेश करती होंगी। इन ट्रकों के लिए हेड कांस्टेबल ने जो हिसाब बता रहा। उस हिसाब से300×10000×30 यह आंकड़े बिल्कुल झूठे हो सकते है। केवल 5000 रुपया प्रति गाड़ी थाने को दे रही हों उस स्थिति में 300×5000× 30, शायद यह राशि भी बहुत अधिक हो, केवल ओवर लोड ट्रक 1000 रुपया दे रहा हो और 200 ट्रकें प्रतिदिन पास हो रही हो। तब 200×1000×30 अब इतनी बड़ी धनराशि की वसूली केवल एक सिपाही के वश की बात नही।
कैसे होता है बंटवारा: सूत्रों की माने तो बार्डर से बालू तश्करी, अवैध शराब व गो वंश से जो आमदनी होती है उसका लाभ यहां पर तैनात सभी कर्मचारियों को दिया जाता है। इसमे बड़े साहब के फॉलोअर से लेकर कार्यालय के मुंशी दिवान, हेड मुहर्रिर, सीसीटीएनएस व महिला कांस्टेबल भी भागीदार होती है। यही नही बकायदे पिकेट के लिए थाने में तू तू मैं मैं तक हो चुका है। जिसपर पूर्व के लोंगो ने इस मामले का पटाक्षेप करते हुए यह व्यवस्था बनाया है जो निरन्तर चला आ रहा है।
आखिर एक जिले में एक तरह का अपराध दो तरह कार्यवाही?
एक जिले में एक अपराध पर दो तरह की कार्यवाही इस समय चर्चा का विषय बना हुआ है। पिछले दिनो सकलडीहा के नईबाजार चौकी इंचार्ज एक मछली ब्यापारी की गाड़ी रोककर उससे पैसे वसूल किये थे। जिसकी पुष्टि होने पर नईबाजार चौकी प्रभारी व सिपाही को जेल भेजा गया। यहां तक कि उस समय सकलडीहा इंस्पेक्टर रहे अनिल पाण्डेय को लाइन हाजिर कर दिया गया। सैयदराजा में सिपाही का नाम वसूली में आने की रिपोर्ट पर केवल निलंबित किया गया, जबकि इंस्पेक्टर को क्लीनचिट?
इस संबंध में पुलिस अधीक्षक अंकुर अग्रवाल ने बड़ी कारवाही की तरफ संकेत देते हुए कहा कि अभी जांच चल रही है। जांच रिपोर्ट के बाद कारवाही तय है।