एक बार हुआ फाइलेरिया तो जीवन भर लेकर चलना होगा साथ- सीएमओ
Chandauli news: हाथीपांव , फाइलेरिया जैसे कई नामों से विख्यात रोग से निजात दिलाने के लिए सरकार घर घर दावा खिलाने की योजना बनाई है। जिसका शुभारम्भ गुरुवार को जिलाधिकारी निखिल टी. फूंडे ने फाइलेरिया का दवा खाकर किया। महेंद्र टेक्निकल कालेज में सरकारी स्कूल के बच्चों को इस रोग के विषय मे बताया गया। इस दौरान जिलाधिकारी ने कहा कि यह एक ऐसा रोग है जिसके कारण पैर फूल जाता है। जिसे हाथीपांव भी कहा जाता है। यह रोग न होने पाए इसके लिए जनपद में 20 लाख आबादी को दवा खिलाने का लक्ष्य रखा गया है। इस दवा का कोई भी साइड इफेक्ट नही है। उन्होंने बच्चों का हौसला व विश्वास बढ़ाने के लिए खुद मंच से दवा खाया।
सीएमओ डॉ वाई के राय ने कहा कि हांथी पांव हो जाना यानी पैरों में सूजन हो जाने के बाद पूरे जीवन इस बीमारी के साथ ही जीना होगा। यह बीमारी न सिर्फ पैरों सूजन एवं महिलाओं के स्तन में सूजन साथ ही पुरूषो के अण्डकोष में सुजन आ जाता है। फाइलेरिया लक्षण 5 से 15 साल में दिखाई देते हैं। इस लिए अभियान में शामिल होकर दवा का सेवन करें। उन्होंने बताया कि जनपद का बरहनी ब्लाक ट्रांसमिशन असेसमेंट सर्वे (टास) में फाइलेरिया मुक्त घोषित हो चुका है।
जिला मलेरिया अधिकारी पी0के0 शुक्ला ने बताया यह क्यूलेक्स मादा मच्छर के काटने से फैलता है। जब यह मच्छर किसी फाइलेरिया ग्रस्त व्यक्ति को काटता है तो वह संक्रमित हो जाता है। फिर यही मच्छर रात में किसी भी स्वस्थ व्यक्ति को काटकर उसको संक्रमित कर देता है। यानि फाइलेरिया रोग के परजीवी रक्त के जरिए स्वस्थ व्यक्ति के शरीर में प्रवेश कर उसे भी फाइलेरिया रोग से ग्रसित कर देते हैं। ज्यादातर संक्रमण अज्ञात या मौन रहते हैं और लंबे समय बाद इनका पता चलता है। इस बीमारी का कारगर इलाज नहीं है। इसकी रोकथाम ही इसका समाधान है।
सहायक मलेरिया अधिकारी राजीव सिंह ने इस अभियान के विषय में विस्तार से जानकारी देते हुए कहा कि आशा, आशा संगिनी और आँगनबाड़ी कार्यकर्ता घर-घर जाकर लोगों को फाइलेरिया की दवा खिलाएँगी। एक वर्ष से कम आयु के बच्चों एवं गर्भवती और गंभीर बीमारी से ग्रसित लोगों को दवा का सेवन नहीं करना है। अभियान को सफल बनाने के लिए शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्रों में दो साल से ऊपर 20 लाख आबादी को दवा खिलाने का लक्ष्य रखा गया है । जिसमें पूरे जनपद में 27 बूथ एवं 1600 टीमें व 300 सुपरवाइजर की टीम गठित की गई है। यह टीमें घर-घर जाकर जन समुदाय को उम्र एवं लंबाई के अनुसार अपने सामने दवा खिलाएँगी। दवा किसी को वितरित नहीं कि जाएगी। उन्होंने बताया कि साल में एक बार दवा के सेवन से इस बीमारी से बचाव किया जा सकता है। फाइलेरिया से बचाव-मच्छरो से बचने के लिए मच्छर दानी का प्रयोग करें, घर के आस-पास कूडे को इकठ्ठा न होने दें, कूड़ेदान का प्रयोग करे, आसपास पानी न जमा होने दें, गन्दे पानी में जला हुआ मोबिल या तेल डाल दें, चोट या घाव वाले स्थान को हमेशा साफ रखें, पूरी बाजू का कपड़ा पहने। इस अवसर पर सम्बन्धित सभी विभागों अधिकारी तथा कर्मचारी तथा कालेज के अध्यापक तथा छात्र आदि शामिल रहे।