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10 वर्षो से शादी रखा लिव इन रिलेशन, अब दूसरे से शादी,थाने पहुंची युवती तो 2 लाख में इंस्पेक्टर ने कर दिया समझौता

न्यायालय और अधिकारियों के यहां लगा रही गुहार

Chandauli news: महिला अपराध पर सरकार  का अलग नियम कानून है। लेकिन उस कानून से उपर जिले में एक अलग कानून चल रहा है। यहां महिला अपराध की शिकायत लेकर पहुंचने वालों के प्रार्थना पत्र पर कानूनी कार्यवाही के बजाय समझौता कानून लागू कराया जा रहा है। पुरी ऊर्जा पुलिस समझौता पर खर्च कर रही है। क्योकि इस समझौता कानून के बदले जो पारिश्रमिक मिल रही वह अपने आप में इस कार्य के लिए प्रेरित कर रही है।

केस 1: सदर कोतवाली के हथियानी की पूजा(काल्पनिक नाम) ने पिछले दिनो अपने ननिहाल के एक युवक के ऊपर आरोप लगाया कि उक्त युवक से उसका प्रेम प्रसंग कुछ दिनों तक चला। इसके बाद युवक ने उसका अश्लील वीडियो इंस्ट्राग्राम व मोज जैसे शोशल साइट पर वायरल कर दिया। इसपर पुलिस कार्यवाही करने की बजाय युवती को दुनियादारी का पाठ पढाकर समझौता करने की बात पर जोर देने लगी। बात समझने पर नही बनी तो युवती का पिता जो होमगार्ड में है उसके ऊपर दबाव बनाकर मुकदमा वापस लेने का दबाव बनाया गया।

केस 2: हाल फिलहाल में एक चर्चित मामला सदर कोतवाली के सेवखर गांव का है। जहां एक ही गांव  के प्रेमी प्रमिका पिछले 10 वर्ष से लिव इन रिलेशन में है। लेकिन अब लड़के के घरवाले उक्त लड़की की बजाय लड़के की शादी दूसरे जगह तय कर दिया। लड़की को इस बात की जानकारी हुई तो वह कोतवाली पहुंच गई। फिर क्या था साहब पूरी ऊर्जा खर्च कर दिए इस 10 साल के प्रेम का पैसे से समझौता कराने में। लगभग 4-5 घंटे तक साहब ने पंचायत भी किया। देश दुनिया के साथ साथ न्यायालय का चक्कर, अधिवक्ताओं के बहस का सामना, एफआईआर के बाद चिकित्सकीय जांच आदि से ऐसा रूबरू कराया कि एक बार युवती के सामने उसके आबरू को सरेआम लूटने का दृश्य चलने लगा।

न्याय की उम्मीद लिए पुलिस की शरण में गयी युवती खुद बेसहारा महसूस करने लगी। उसके चेहरे के भाव भंगिमा को देख साहब ने यह समझ लिया कि वह पूरी तरह से सफल हो गए। फिर क्या था उन्होंने उसकी दुःखती रग पर हाथ रखा। अपने आपको शुभ चिंतक की पहली श्रेणी में प्रतिस्थापित करते हुए उसके दस वर्ष के इस लिव इन रिलेशन से बाहर निकालते हुए दो लाख रुपये का आर्थिक सहयोग भी दिलाने का भरोसा दिया।

यहां तक कि उक्त धनराशि को उसके हाथ में दिया भी गया। एक साथ 500₹ की 4- 4 गड्डी हाथ में पकड़ा दिया गया। समझौता पत्र के नाम पर थाने के सादे कागज पर सुलहनामा भी लिखाया गया। जिसमें युवती ने पुलिस की बात को अपने हाथों से टूटी फूटी भाषा में लिखा। सूत्रों की माने तो इस समझौता में पारिश्रमिक के रूप में अच्छा खासा सहयोग दूसरी पार्टी ने दिया। जो लगभग पीड़िता के बराबर रही।

हालांकि थाने में समझौता करने के बाद युवती घर गयी। उसके दूसरे दिन बाद ही एक बार फिर अपने आप को छला जाने की बात कहते हुए कार्यवाही की मांग करने लगी। लेकिन इस बार साहब के तेवर बदले हुए थे। उन्होंने समझौता और पैसा पकड़ने की बात का हवला देते हुए युवती हो थाने से बाहर का रास्ता दिखा दिया। अब युवती न्यायालय और वरिष्ठ अधिकारियों का चक्कर लगा रही है।

मृत्युंजय सिंह

मैं मृत्युंजय सिंह पिछले कई वर्षो से पत्रकारिता के क्षेत्र में विभिन्न राष्ट्रीय हिन्दी दैनिक समाचार पत्रों में कार्य करने के उपरान्त न्यूज़ सम्प्रेषण के डिजिटल माध्यम से जुडा हूँ.मेरा ख़ास उद्देश्य जन सरोकार की ख़बरों को प्रमुखता से उठाना एवं न्याय दिलाना है.जिसमे आप सभी का सहयोग प्रार्थनीय है.

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