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कलयुगी पुत्री ने अवैध सम्बन्ध का विरोध करने पर मां को उतारा मौत के घाट, पुलिस हिरासत में लेकर कर रही पूछताछ

खुर्पी व सिलबट्टे से प्रहार कर वृद्ध मां की करन्दी हत्या

Chandauli news: कलयुगी पुत्री ने अपने माँ का सिलबट्टे व खुर्पी से इस लिए हत्या कर दी। क्योंकि उनकी मां  शादी शुदा पुत्री के अवैध सम्बन्ध का विरोध करती रही। घटना की जानकारी के बाद पहुंची पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए जिला अस्पताल भेज दिया। वहीं पूछताछ के लिए हत्यारोपित पुत्री को हिरासत में लेकर पूछताछ कर रही है।

वक्तब्य: सीओ सदर राजेश राय

सदर कोतवाली के झांसी गांव की लालमणि मौर्या (50) का उनकी पुत्री शशि (32) ने सिलबट्टे से प्रहार कर हत्या कर दी। पुलिस ने मौके पर पहुंचकर आरोपी लड़की को हिरासत में लेकर पूछताछ शुरू कर दी। पुलिस में बताया कि उसकी शादी 08 वर्ष पूर्व सकलडीहा कोतवाली के फुल्ली गांव में हुई थी। शादी के बाद ही उसका पति के साथ अनबन हो गया। इसके बाद से शशि अपने मायके रहने लगी। कुछ दिन बाद इसका सम्बन्ध रिश्ते के मौसेरे भाई से हो गया।

पड़ोसियों की माने तो शादी शुदा लड़की का दूसरे के साथ सम्बन्ध होने पर मां अक्सर इसका विरोध करती थी। मां के विरोध के बावजूद शशि का अपने प्रेमी के साथ मिलना व उसके घर पर आने से आये दिन झगडा होता था। इधर लगातार तीन दिनों से लालमणि व शशि के बीच झगड़ा हो रहा था। बुधवार से लालमणि की तबियत भी ठीक नही थी। इसपर एक बार फिर से दोनों में कहासुनी हो गया। जिसके बाद घर में रखे सिलबट्टे से प्रहार कर दिया। जिससे घटना स्थल पर ही मौत हो गयी।

लालमणि के मौत की जानकारी होने पर पहुंची कोतवाली पुलिस ने शव को सील कर जिलाचिकित्सालय भेज दिया।जबकी आरोपी को पुलिस हिरासत में लेके पूछताछ हो रही है।

मृत्युंजय सिंह

मैं मृत्युंजय सिंह पिछले कई वर्षो से पत्रकारिता के क्षेत्र में विभिन्न राष्ट्रीय हिन्दी दैनिक समाचार पत्रों में कार्य करने के उपरान्त न्यूज़ सम्प्रेषण के डिजिटल माध्यम से जुडा हूँ.मेरा ख़ास उद्देश्य जन सरोकार की ख़बरों को प्रमुखता से उठाना एवं न्याय दिलाना है.जिसमे आप सभी का सहयोग प्रार्थनीय है.

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One Comment

  1. राजनीति के भ्रष्ट आचरण का समाज पर लगातार पड़ते प्रभाव जिसमें पश्चिमी भोगवादी सोच को प्रधानता और भारतीय सनातन पद्धति के प्रति एक बैर भाव सा रखा जा रहा है।वह ऐसे कुकृत्यों की जड़ में है।सबसे पहले तो जनता अपने शासकों की ही नकल करती है।दूसरे अगर राजा गलत हो तो धर्म सबको नियंत्रित करता था।आज न राजा जिनमें नीचे के अधिकारी तक हैं।स्वयं सही हैं।न धर्म का ही समाज पर नियंत्रण रह गया है।यह भी हमारे लोकतंत्र का नए नए पैदा हुए राजाओं ने सिखाया है कि न देवी,देवता कुछ हैं।न ही ब्रह्मज्ञानी ऋषि,मुनिओं,तपस्वियों का बनाया नियम ,कानून ही कुछ है।

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