लड़की से परिजनों ने किया मारपीट तो खटखटाया पुलिस का दरवाजा
महिला एसओ ने थाने में बुलाकर दोनों की करा दी विदाई
Chandauli news: “जरूरी नही की हर तोहफा कोई चीज ही हो, प्यार, इज्जत और फिक्र करना भी एक अच्छा तोहफा है”। कुछ ऐसा ही मामला सोमवार को महिला थाने पर आया। जहां दोनों पैर से दिव्यांग लड़की को दिल दे बैठा एक एमआर उससे कोर्ट मैरिज कर लिया। लड़की को जब घर छोड़ा तो परिजन मारने पीटने लगे। इसके बाद जानकारी होने पर वह अपने प्यार को साथ ले जाने के लिए पितृपक्ष में ही पहुंच गया। जहां ससुराल के लोंगो ने उससे भी मारपीट शुरू कर दिया। थकाहारा प्रेमी पुलिस का दरवाजा खटखटाया। फिर महिला एसओ ने कमान सम्भाला थाने बुलाकर दोनों को विदा कराया।
वर्षो से शादी के बंधन में बंधे लोग आपसी मनमुटाव व पारिवारिक झगड़ों के वजह से वर्षों से जुड़े रिश्ते को तोड़ने पर आमादा हो जा रहे है। ऐसे रिश्तों को न्यायालय जाने पूर्व पुनः जोड़ने के लिए पुलिस अधीक्षक आदित्य लांग्हे महिला थाने के परिवार परामर्श केंद्र भेजते है। जहां प्रतिदिन पति पत्नी के झगड़ों को सुलझाकर पुलिस टूटते रिश्ते को बचा रही है। लेकिन सोमवार को महिला थाना में एक अलग मामला पहुंच गया।
यहां अलीनगर के वार्ड नम्बर 14 निवासी दोनों पैर से दिव्यांग लड़की की जान पहचान वैशाली बिहार के दीपक जो एमआर का काम करता है। उससे हुआ। पहचान इस कदर प्रगाढ़ हुआ कि दीपक उसके ईलाज का खर्च उठाने लगा। इसमें परिजनों को कोई आपत्ति नही थी। प्रगाढ़ पहचान धीरे धीरे प्यार में बदल गया। दीपक लड़की के दिव्यांगता का परवाह किये बगैर उसे अपना दिल दे बैठा। एक दिन दवा ईलाज के लिए घर से निकला और लड़की को भरोसा दिलाने के लिए कोर्ट मैरिज कर लिया।
दवा कराने के बाद लड़की को घर पहुंचाकर वह फिर से पटना चला गया। कोर्ट मैरिज की बात जब लड़की के परिजनों को चली तो वह मारपीट शुरू कर दिए। सोमवार को जब दीपक को पता चला तो वह विदा कराने के लिए लड़की के घर पहुंच गया। जहाँ ससुराल के लोंगो ने उससे भी बदसलूकी करने लगे। इसके बाद उसने अलीनगर थाने को फोन किया। जहां महिला सम्बन्धी अपराध पर उसे महिला थाने ट्रांसफर कर दिया गया।
महिला एसओ ने प्रर्थना पत्र के आधार पर लड़के के ससुराल वालों को लड़की के साथ बुलाया। जहां लड़की व्हील चेयर के सहारे पहुंची। दोनों पैर से अक्षम लड़की के प्रति लड़के का समर्पण देख तत्काल लड़की पक्ष से पुलिस वार्ता कर थाने से लिखापढ़ी कर विदा करा दिया। दीपक ने बताया कि उसने अपने पत्नी को भरोसा दिलाने के लिए कोर्ट मैरिज किया था। अपने परिजनों से पूरी स्थिति बता दिया है। जो मुहूर्त में रीति रिवाज से शादी के लिए राजी है। लेकिन पत्नी के साथ मारपीट की जानकारी पर वह पितृपक्ष में ही विदा कराकर ले जाने आया है।