सितम्बर माह के शिकायत पत्रों के निस्तारण में लापरवाही
आवेदकों से न ही सम्पर्क, ना तो स्थलीय निरीक्षण
Chandauli news: IGRS के प्रार्थना पत्रों का निस्तारण करने में लापरवाही बरतने वाले 13 दरोगाओं के खिलाफ पुलिस अधीक्षक ने प्रारंभिक (पी) जांच बैठा दिया। एसपी के यहां से सम्बंधित थाने को भेजे गए शिकायती पत्र पर हल्का इंचार्जों ने लापरवाही दिखायी है।
पुलिस अधीक्षक के यहां शिकायत करने वाले आवेदकों के प्रार्थना पत्र पर केवल सम्बंधित को आदेश ही निर्गत नही किया जाता। बल्कि आवेदक का प्रार्थना पत्र थाना व ऑफिस के बीच कहीं गोते न खा जाय इसके लिए उसे ऑनलाइन दर्ज IGRS (एकीकृत शिकायत निवारण प्रणाली) के तहत पोर्टल पर भी दर्ज किया जाता है। जिसके लिए मानिटरिंग सेल में कम्यूटर के जानकार पुलिस कर्मी लगातार निगाह रखते है। किस थाने का आवेदन किस तिथि को थाने में रिसीव किया गया। वह से सम्बंधित हल्का या चौकी इंचार्ज को कितने देर बाद दिया गया। प्रार्थना पत्र पर विवेचक द्वारा ख़या संज्ञान लिया गया।
आईजीआरएस पर दर्ज शिकायती पत्र का एक सप्ताह में समस्या का निदान या कार्यवाही का विवरण देना होता है। इसमें भी आवेदक से जांच कर्ता अधिकारी मिला कि नहीं इन सभी तथ्यों की पर यहां पारंगत कर्मी रिपोर्ट लेते है। इस सप्ताह के बाद पुनः रिमांडर भेजा जाता है। इसके बाद भी “मस्त रहे मस्ती में आग लगे बस्ती में” वाली तर्ज पर कार्यवाही करने वाले दरोगाओं के खिलाफ प्रारंभिक जांच का आदेश हो गया।
सितम्बर माह में 21 आवेदन आईजीआरएस पर भेजे गए। जिनमें 06 शिकायत कर्ताओं से पुलिस सम्पर्क ही नही किया। जबकि 15 मामले ने
स्थलीय निरीक्षण भी नही हुआ। इस लापरवाही में सदर कोतवाली के 01उपनिरीक्षक,मुगलसराय-01, अलीनगर-02, बबुरी-01, बलुआ-01, धीना-01, चकिया-02, शहाबगंज-01 , इलिया-02 व नौगढ़ के एक दरोगा के खिलाफ प्रारंभिक जांच का आदेश पुलिस अधीक्षक ने जारी कर दिया।