ट्रांसफर रुकते ही दोनों हाथों से समेटने की मची है होड़
Chandauli news: साहब जब यहां आयें शरीर भी दुबला पतला था और शरीर में चमक भी कम थी। लेकिन ऐसी कुर्सी पर बैठे जहां इच्छा होते ही मेज के अगल बगल की दराजों से लेकर घर के बड़े सुटकेश तक लक्ष्मी पहुंचने लगती है। लक्ष्मी का आदर देने के लिए उनके ही समतुल्य अधिकारी जो यहाँ रहकर भ्रस्टाचार का कीर्तिमान स्थापित कर चुके है। उन्होंने यह बता दिया था कि किस दरवाजे पर शाष्टांग लेटने के बाद लक्ष्मी घर बार भर देंगी।
साहब ने कुछ दिन के बाद ही उस दहलीज पर जाकर न केवल सिर झुकाया बल्कि सीधे लेटकर मुंह के बगल चरण छूने हेतु आतुर दिखे। साहब के यह भाव भंगिमा देखकर साथ के लोंगो ने यह समझ लिया कि यह तो पहले वाले साहब से भी बड़ा कीर्तिमान स्थापित करेंगे।
पावरफुल ड्योढ़ी से आशीर्वाद मिलते ही साहब ने फिंके चेहरे पर चमक आने लगी। वहीं पहले से ज्यादा टंच भी नजर आने लगे। लक्ष्मी के आते ही स्वाभाविक मुस्कान हर समय मुख मण्डल पर तैरने लगा। यह सब बना रहे इसके लिए साहब जहाँ भोर में ही नहाधोकर ड्योढ़ी का आशीर्वाद लेने के लिए एक पैर पर खड़े रहते थे। वहीं आधी रात तक क्या प्रस्तुत कर दें इसके लिए आतुर रहते थे।
अब यह भाव देखकर उन्हें “प्रेम” मिलने लगा। इसका परिणाम हुआ की अमृत सरोवर खुदवाने से लेकर, तालाब के सुंदरीकरण, मनरेगा से नाली नाला का निर्माण, गांव के खम्भो पर स्ट्रीट लाइट अथवा विभिन्न प्रकार की जनता से जुड़ी संगोष्ठी सभी की फ़ाइल नियमानुसार साहब के ही टेबल से गुजरने लगी।
अब जब साहब के उनके समर्पण का आशीर्वाद मिल रहा था तब उन्होंने ऐसे ऐसे मानक बनाये जो अपने आप में पूरी तरह से विचित्र है। यहाँ तो दोनों हाथ से समेटने की नियत में विभिन्न विभाग से तैयार फाइलों को टेबल तक पहुंचने से पहले एक बाबू स्तर का कर्मचारी जांच के लिए लगाया गया है। मतलब राजपत्रित अधिकारी के कार्य पर बाबू निरीक्षण कर रिपोर्ट लगाएगा। अब यह तभी सम्भव है जब साहब ने जो मानक बनाया है । उस मानक पर खरा उतरना होगा। जो पूरी तरह से नियम कानून का रूप ले लिया है।
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