पीड़ित पहुंचे एसपी दरबार, एसपी ने सीओ डीडीयू नगर को सौंपी जांच
चार्ज लेने के पहले दिन से चर्चा में आ गए इंस्पेक्टर अलीनगर
Chandauli news: जिले के अधिकांश थानों पर प्राइवेट ब्यक्ति थाना प्रभारियों के वरदहस्त से आजकल पूरी तरह सक्रिय है। उनके द्वारा डीलिंग की हरी झंडी मिलने पर हिरासत में लिए लोंगो को छोड़ने से लेकर अन्य मामलों में पुलिस सक्रियता दिखा रही है। कुछ तो बकायदे थाना से लेकर तहसील तक के अधिकारियों के लिए कार्य कर रहे है।
कुछ ऐसा ही मामला बुधवार को आया। जहां पुलिस अधीक्षक ने सभी थाना प्रभारियों को बैरियर लगाकर गौ तश्करों के धड़ पकड़ में लगाये थे। इसी क्रम में अलीनगर पुलिस ने रेवसा के समीप वैरियर लगाकर जांच पडताल कर रही थी। इसी बीच एक पीकप पर 4:30 बजे सुबह गौ वंश लेकर जा रहे तश्करों ने अंधेरे में गाड़ी खड़ा कर भाग निकले। पुलिस से बचने के लिए तश्करों ने अपने रिश्तेदार के यहां चले गए। जिसकी जानकारी पुलिस को दूसरे दिन जब हुई तो इंस्पेक्टर की टीम ने परमेश्वर व जय विन्द को उठा ले गयी।
परिवार के लड़कों को तड़के सुबह उठा ले जाने पर परिजन घबरा गए। फिर दर्जनों की संख्या में ग्रामीण थाने पहुंच गए। यहां तक कि विन्द समाज के एक कद्दावर नेता के प्रतिनिधि ने भी फोन किया। लेकिन बात नही बनी। पीड़ितों का आरोप है कि इसके लिए थाने के तथाकथित प्राइवेट कारखासों के माध्यम से 20-20 हजार में डील हुआ। इसके बाद देर शाम छोड़ा गया। दूसरे दिन एसपी आदित्य लांग्हे से मिलकर पीड़ितों ने आपबीती सुनाई। जिसपर पुलिस अधीक्षक ने मामले की जांच सीओ डीडीयू नगर को सौंप दिया है।
ऐसा ही मामला कुछ दिन पूर्व कस्बा में हुआ था। जहां बैंक द्वारा घर खाली कराने के लिए पहुंची टीम को दो दिन का समय देते हुए वापस आने के लिए जिलाधिकारी ने आदेश दिया था उस मामले में तहसील के अधिकारी के एक तथाकथित दलाल ने 50 हजार रुपया लिया। मामले की जानकारी होने के बाद जिलाधिकारी ने हस्तक्षेप कर पैसा वापस कराया। उस मामले में पीड़ित ने तहरीर भी दिया लेकिन आज तक कार्यवाही करने की बजाय पुलिस अपने उस शुभचिंतक को बकायदे थाने में बैठा कर आवभगत कर रही है।