कंदवा,चंदौली।शक्ति व भक्ति की प्रतीक मां कामाख्या भक्तों की मुराद,मनोकामना पूरी करती है।मां के दरबार मे मत्था टेक सच्चे मन से की गई आराधना प्रार्थना स्वीकार्य होती है।
बाजार के उत्तरी छोर पर स्थित अलौकिक शक्ति समेटे प्राचीनतम मां कामख्या देवी मंदिर के बारे मे मंदिर के पूजारी सहित स्थानीय लोग बताते हैं कि मां के अद्भुत, अलौकिक छवि का दर्शन कर लोग निहाल हो जाते हैं, मां की महिमा निराली है।यहां मां के दरबार मे आने वाले भक्तों को कभी मां निराश नहीं करती हैं।यहां सच्चे मन से मांगी गई हर मनोकामना,मुराद पूरी होती है।मां की महिमा का बखान करते हुए बयालिस वर्षों से मां की सेवा मे लीन मंदिर के पूजारी सहित अन्य बतातें हैं कि यहां शेर पर सवार मां कामख्या के साथ साथ कुल अलग अलग देवी देवताओं की चौदह प्रतिमाएं स्थापित है।मां कामख्या मंदिर से सटे गणेश,मां संतोषी का दर्शन शुभ फलदायक होता है। बताते हैं कि मां की अद्भुत छवि का दर्शन करने के लिए नवरात्रि ही नहीं अन्य दिनों में भी दूर दराज से लोगों का आना जाना लगा रहता है। मंदिर विशालता,भव्यता देखते ही बनती है।