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असभ्य भाषा के चक्कर में फंस गए इंस्पेक्टर, आक्रोशित हुए अधिवक्ता तो बैकफुट हुए इंस्पेक्टर

जमीनी विवाद को लेकर मारपीट की तहरीर पीड़ित के साथ लेकर गए अधिवक्ता से बदतमीजी

जानकारी के बाद दर्जनों की संख्या में पहुंचे अधिवक्ता

Chandauli news: मारपीट व चोरी जैसे अपराध में मुकदमा न लिखनें, पीड़ितों के बदसलूकी करने के मामले में चर्चित सदर इंस्पेक्टर अपने स्वभाव के कारण सोमवार को अचानक अधिवक्ताओं का शिकार होने से बाल बाल बच गए। दर्जनों की संख्या में पहुंचे अधिवक्ताओं के सामने तत्काल लहजा चेंज कर लिए। इसके बाद यह लोग वापस हो गए।

सदर कोतवाली के चकियां गांव में भूमि विवाद के मामले में राजस्व की टीम पुलिस के साथ गयी थी। जिसके कारण दोनों पक्ष में मारपीट हो गया। एक पक्ष से एक महिला व दूसरे पक्ष से एक पुरुष घायल हो गए। मारपीट की घटना के बाद राजस्व की टीम खिसक ली। उधर हल्का इंचार्ज मौके पर पहुँच गए। जहां से दोनों पक्ष को थाने ले आये। इसमें घायल महिला को। ही सगड़ी पर लाद कर थाने लाया गया। प्रार्थना पत्र पर कार्यवाही न करने का चर्चा जोरों पर है।

वीडियो: आपत्ति दर्ज कराते अधिवक्ताओं

इससे इस मामले में एक अधिवक्ता राजेश कुमार सिंह भी साथ आ गए। घायल महिला का ईलाज न कराकर पुलिस तहरीर के आधार पर मुकदमा दर्ज होने के बाद मेडिकल कराने का इंतजार करने लगी। कोतवाली परिसर में भीड़ जुटने लगी। इसके कुछ देर बाद अपने कमरे से निकले इंस्पेक्टर स्वभाव वश पीड़ितों पर शब्दबाण न्यौछावर करने लगे। इसमें साथ में आये अधिवक्ता राजेश कुमार सिंह ने आपत्ति दर्ज किया। लेकिन अधिवक्ता का बात सुनने के पहले ही उनकी गाड़ी रफ्तार पकड़ ली थी। अधिवक्ता के साथ साथ अन्य फरियादी जो आये थे यह देख सशंकित हो उठे।

फोटो: मारपीट के मामले का प्रार्थना पत्र

सुरफास्ट रफ्तार में इंस्पेक्टर ने अधिवक्ता को इन मामलों का साजिशकर्ता तक कह दिए। तब तक सज्जन स्वभाव के अधिवक्ता यह सब सहन कर गए। पुलिस भारी पड़ रही है यह देख साहब का हौसला इस कदर बढ़ा की मुकदमें में इनका नाम भी लिखने के लिए बोल गए। इसके बाद तो तेज रफ्तार दौड़ रही एक्सप्रेस और आगे न बढ़ जाय इसके लिए सिग्नल चेंज हो गया।

मारपीट के बाद सगड़ी पर पीड़िता

दूसरे मामले में एक दो और अधिवक्ता गए थे। उन लोंगो को जैसे ही  दुर्व्यवहार का पता चला यह लोग इसकी जानकारी निर्वतमान बार अध्यक्ष रत्नेश तिवारी( टोपी गुरु) को दिया। इसके बाद दर्जनों की संख्या में अधिवक्ता देखते ही देखते थाने पहुंच गए। जहां इन लोंगो ने अधिवक्ता के साथ दुर्व्यवहार पर आपत्ति जाहिर किया। अधिवक्ताओं के आक्रोश को देखते हुए तत्काल साहब बैकफुट हो लिए। हलांकि इसके बाद अधिवक्ताओं का आक्रोश  भी शान्त हो गया। और यह लोग वापस हो लिए।

मृत्युंजय सिंह

मैं मृत्युंजय सिंह पिछले कई वर्षो से पत्रकारिता के क्षेत्र में विभिन्न राष्ट्रीय हिन्दी दैनिक समाचार पत्रों में कार्य करने के उपरान्त न्यूज़ सम्प्रेषण के डिजिटल माध्यम से जुडा हूँ.मेरा ख़ास उद्देश्य जन सरोकार की ख़बरों को प्रमुखता से उठाना एवं न्याय दिलाना है.जिसमे आप सभी का सहयोग प्रार्थनीय है.

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