मनमानी रिपोर्ट देते है इनके चहेते पैथोलॉजी सेंटर
Chandauli news: चिकित्सा का पेशा जहाँ देव तुल्य माना जाता है, वहीं कुछ लोग इस पेशे को नरक में पहुंचाने का काम किये है। जिस मरीज से यह उम्मीद हो जाती है कि इससे जब पैसा देने की बात आएगी तब पंचायत होने लगेगी। बहुत से लोग आकर पैसा कम कराने में लग जाएंगे। ऐसा आभास होते ही भगवान का दर्जा प्राप्त चिकित्सक को हैवान बनते देर नही लगती। जब उनकी यह आदत होगी तो साथ वाले भी ”बड़े मियां तो बड़े मियां, छोटे मियां सुभानअल्लाह” की तर्ज पर काम करना शुरू कर देते है।
ऐसा हाल फिलहाल में मामला उच्च न्यायालय के शासकीय अधिवक्ता आशीष सिंह नागवंशी के परिवार में घटित हो गया। उनके परिजनों ने भाई की पत्नी को बीमार होने की स्थिति में यहां सूर्या हॉस्पिटल में भर्ती कराया। जहां डॉक्टर व उनके स्टाफ के लोग मरीज के रोग पर नहीं बल्कि उसके आर्थिक हैसियत पर ज्यादा ध्यान देते है। मरीज से कितना ज्यादा वसूला जा सकता है इस पर पूरी ऊर्जा लगाते है। जैसे ही यह आभास होता है कि मरीज के परिजन वह मुंह मांगी रकम देने में आनाकानी कर सकते है। तब वह अपने तकनीकी दिमाग का प्रयोग करते है। जिसका परिणाम होता है कि इन लोंगो ने अपने से जुड़े शिवांश डायग्नोस्टिक सेंटर जहाँ खून पेशाब की जांच होती है।
Allso reed:https://newsplace.in/31/05/2023/hospital-operators-robbing-patients-by-writing-trauma-center-on-the-board/ बोर्ड पर ट्रामा सेंटर लिख मरीज व परिजनों को लूट रहे संचालक
इस पैथोलॉजी से डेंगू के प्लेटलेट के घटने की जानकारी काफी कम करके दिलवा दिया। जिससे चिकित्सक को एक सशक्त बहाना मरीज को छोड़ने का मिल गया। मरीज को बिना ऑक्सीजन के ही छोड़ दिया गया। जिससे रास्ते मे कुछ दूर जाते ही मौत हो गयी। अब इस मामले को लेकर हाईकोर्ट के अधिवक्ता ने यह आरोप लगाया है कि यह पैथोलॉजी फर्जी है। इसके पर्चे पर न तक रजिस्ट्रेशन नम्बर है और ना ही चिकित्सक का नाम व अन्य जानाकरी नही दी गयी है। उन्होंने जिलाधिकारी के पत्र में यह प्रश्न उठाया है कि जीने अपने पंजीयन पर कोई उल्लेख नही किया है। इससे स्पष्ट है कि इसका कोई पंजीकरण नही है। कोई पैथोलॉजी से सम्बंधित कोई पैथोलॉजिस्ट चिकित्सक नही है। अप्रशिक्षित चंद युवक जिस अस्पताल ने जैसी रिपोर्ट मांगी वैसी रिपोर्ट दे देते है। आशीष ने इस सब प्रकरण की जांच कराते हुए सीधी कार्यवाही की मांग के लिए आवेदन दिए है।
उच्च न्यायालय के शासकीय अधिवक्ता के आवेदन पर जिलाधिकारी निखिल फूंडे ने पांच सदस्यीय टीम को लगाया है। बुधवार को यह टीम जांच के लिए सूर्या हॉस्पिटल पहुंची। जहां चिकित्सक सहित अन्य स्टाफ के बयान दर्ज किए। इसके साथ ही भौतिक सत्यापन भी किया। समिति ने यह संकेत दिया है कि इस अस्पताल में काफी अनियमितता है। जिसकी रिपोर्ट दी जाएगी।
ईलाज के पहले कैसे होती है अस्पताल में मरीजों से ठेका जानने के लिए पढ़े…. newsplace.in का अगला पार्ट- 4