मंडी परिसर में कागज पर केंद्र का भरमार, नम्बर के लिए लगाना लड़ रहा जुगाड़
सिस्टम फेल कर खुद ब्यवस्था को तार तार करते है जिम्मेदार
किसानों का भला हो न हो जिम्मेदारों का अकाउंट सेंसेक्स से ज्यादा करता है उछाल
Chandauli news: किसानों के धान की खरीद शुरू हुई नहीं उंसके पहले ही “खरीद में खेल” रुपी भ्रस्टाचार अपना पांव पसार दिया। ब्यवस्था को बनाने वाले जिम्मेदार पहले खुद ब्यवस्था को तार तार कराने में लगे हुए है। जिससे उनकी कमाई कागज पर ट्रांसपैरेंट होते हुए उनकी आर्थिक स्थिति शेयर मार्केट से ज्यादा उछाल मार सके।
जनपद में कुल 112 क्रय केंद्र धान खरीद के लिए खोले गए है। जिसमें इस बार खरीद का लक्ष्य भी पिछले वर्ष की तुलना में कम हो गया है। 01 नवम्बर से धान खरीद शुरू होनी थी। अब क्रय केंद्र कम और धान खरीद का लक्ष्य भी कम होने की स्थिति में भले ही अभी फसल पकने में 20 दिन से अधिक का समय है। लेकिन किसान के केंद्रों पर पहुंचकर अपना नम्बर लगाना शुरू कर दिए है।
जबकि स्थिति यह है अधिकांश केंद्र जीयो टैग कराने के दिन खुले। लेकिन उसके बाद से न तो केंद्र खुले और ना ही क्रय के बाहर पोस्टर बैनर लगे। जिसके कारण अब किसान जहां केंद्र खुलने की जानकारी मिल रही वहीं पहुंचकर अपना नम्बर लगा रहे है।
कुछ ऐसी ही स्थिति नवीन मंडी की है जहां विभिन्न एजेंसी के एक दर्जन केंद्र कागज पर संचालित है। लेकिन भौतिक रूप से किसी भी केंद्र का प्रभारी उपस्थित नहीं हो रहा। यह बात दूसरी है कि उच्चाधिकारियों को बकायदे यह रिपोर्ट दे दिया गया कि मंडी में किसान धान बेचने के लिए नम्बर लगा रहे है। इधर उच्चाधिकारियों के आंख में धूल झोंकर नौकरी करने वालों के कारण नम्बर लगाने के लिए मारामारी शुरू हो गयी।
12 केंद्रों वाले नवीन मंडी में सुरक्षा गार्ड के यहां किसान अपना रजिस्ट्रेशन जमा कर रहे है। उन्हें यह पता ही नही की किस के केंद्र पर उनके धान की खरीद होगी। जबकि केंद्र खुलते तो किसान सम्बंधित केंद्र पर पहुंचकर नम्बर लगाते। अब केंद्र पर नम्बर लगा नहीं धान तैयार होने की स्थिति में अपने फसल को बेचने के लिए परेशान होंगे। जिसके बाद केंद्र प्रभारियों के अघोषित प्राइवेट एजेंट से सम्पर्क कर चढ़ावा चढ़ाने के बाद धान बेच पाएंगे।