जिन गाड़ियों के कागजात पर पास हुआ टेंडर वह गाडियां सोनभद्र में मिली सम्बद्ध
बीएसए विभाग के भ्रस्टाचार की जांच कर रही ज्वाइंट मजिस्ट्रेट
खण्ड शिक्षा अधिकारियों के घाल मेल जबाब से असन्तुष्ट
Chandauli news: बेसिक शिक्षा कार्यालय में कागज पर गाड़ी चलाकर 1 करोड़ 42 लाख 84 हजार का भुगतान कराने के मामले में मजिस्ट्रेटियल जांच चल रही है। जांच में खण्ड शिक्षा अधिकारियों को नोटिस भेजकर बयान के लिए बुलाया गया। जिसमें इन लोंगो के घालमेल जबाब दिया। खण्ड शिक्षा अधिकारियों के जबाब से यह स्पस्ट हो गया कि जिन गाड़ियों का कागजात लगाकर टेंडर पास कराया गया वह पूरी तरफ से फर्जी था।
जो बातें सामने आयी है उसमें खण्ड शिक्षा अधिकारियों ने नियमित रुप से सम्बद्ध वाहन को मिलने से इंकार किया है। जबकि टेंडर पास कराने समय जिन वाहनों का कागजात नोट सीट में लगाया गया वह गाड़ियां जांच में कहीं और सम्बद्ध मिली।
शासन ने शिक्षा की गुणवत्ता सुधारने के लिए खण्ड शिक्षा अधिकारी, जिला समन्यवयक, बेसिक शिक्षा अधिकारी व वित्त व लेखा अधिकारी को पीपीपी मॉडल पर वाहन उपलब्ध कराती है। इसके लिए इस कार्य में पारदर्शिता रहे इसके लिए जैम पोर्टल का सहारा लिया गया। लेकिन सरकार के इस ट्रांसपैरेंट नियम को भ्रस्टाचार के घटोतकच्छ केवल कागज पर पारदर्शी बनाते है। जिसका जीता जागता प्रमाण बेसिक शिक्षा विभाग में उजागर हुआ है। लगातार भ्रस्टाचारियों के परत दर परत राज खुल रहे है।
यहां भी बेसिक, एएओ बेसिक, जिला समन्यवक व खण्ड शिक्षा अधिकारियों के लिए 12 वाहन जैम पोर्टल से लिये गए। लेकिन इनका संचालन केवल कागज पर ही हुआ। बेसिक शिक्षा अधिकारी व एएओ को छोड़कर कहीं भी गाड़ी ठेकेदार द्वारा नही दिया गया। जबकि खण्ड शिक्षा अधिकारी व पटल सहायक सहित अन्य ने मिलकर विभगीय बजट को चूना लगाने से पीछे नही हटे। मामला उजागर होने पर जिलाधिकारी निखिल टी फुन्डे ने जांच ज्वाइंट मजिस्ट्रेट को दे दिए। जांच में घालमेल के जबाब के बाद अब टेंडर के समय लगाए गए वाहनों के कागजात के आधार पर वाहन मालिकों को नोटिस भेजा गया है।
इन वाहनों के कागजात पर पास हुआ टेंडर:
जैम पोर्टल का कागजी पेट भरने के लिए ठेकेदार ने जिन वाहनों रजिस्ट्रेशन व बीमा का कागजात लगाया है। उसमें up 64 AT 7195, up 61 AT 0288, up 64 AT 6972, up 65 BT 0556 up 65 HT 5689, up 64 AT 9777, up 64 AT 7195, up 67 Z 2220, up 64 AT 9454, up 67 BT 0629, up 64 BT 2204, up 64 AT 8317 इन वाहन स्वामियों से टेलीफोनिक वार्ता में जांच टीम ने अधिकांश गाड़ियां सोनभद्र के माइंस, एफसीएल में सम्बद्ध होना पाया है ।अब एक वाहन दो दो स्थान पर एक ही समय में कैसे संचालित हो रही है।
क्या कहते है अधिकारी: इस समय में ज्वाइंट मजिस्ट्रेट हर्षिका सिंह ने बताया कि रिकार्ड में जिन वाहनों का जिक्र किया गया उन वाहन स्वामियों को नोटिस भेजा गया है।