04 सितम्बर को परिवाद न्यायालय के प्रशासनिक अधिकारी ने की थी ऑनलाइन शिकायत
मंगलवार को एसडीएम के नेतृत्व में पहुंची टीम ने खुली आंख से देखी गंदगी
गंदगी के बाद अब सैम्पल के रिजल्ट का इंतजार
Chandauli news: मुगलसराय में मंगलवार को खाद्य विभाग की टीम एसडीएम के नेतृत्व में दुकानों का नमूना लेने पहुंची। जहां परम्परा व रसकुंज जैसे नामी मिठाई की दुकानों पर गंदगी का अंबार इस कदर मिला कि अधिकारी कुछ देर अपने आप को वहां खड़ा नहीं रख सके। खुली आँखों से गंदगी का मंजर देख अधिकारियों ने खाद्य विभाग के द्वारा लिए गए नमूने के रिजल्ट पर कार्यवाही छोड़ आगे बढ़ गए।
पिछले 04 सितम्बर को परिवाद न्यायालय के प्रशासनिक अधिकारी सुनील श्रीवास्तव ने रसकुंज दुकान के मालिक के खिलाफ फफूंद लगी मिठाई बेचने का आरोप ऑनलाइन दर्ज कराया था। उन्होंने आरोप लगाया कि उनके पिता के देहावसान के बाद कार्यक्रम के लिए 04 किलो बर्फी दुकान से खरीदकर वाराणसी ले गए। जहां दूसरे दिन डब्बा खोला गया तो डब्बे की बर्फी में फफूंद लगा हुआ था। जब इसकी शिकायत दुकानदार से किया तो उन्होंने फोन पर उनके साथ बदसलूकी किया।
सूत्रों की माने तो ऑनलाइन शिकायत के बाद खाद्य विभाग की टीम दुकान पर पहुंचने से पहले ही सेटिंग कर लिया। जिसका परिणाम रहा कि पूरे एक माह तक कार्यालय के साथ साथ घरों के लिए मिठाई जाने लगा। हालांकि न्यायालय में कार्यरत होने के बाद व ऑनलाइन शिकायत के बाद भी कोई जांच न होने पर एक बार पुनः शिकायत कर्ता ने रिमाइंडर दे दिया। जिसके बाद आदेश एसडीएम के नेतृत्व में जांच करने के लिए हो गया।
एसडीएम के नेतृत्व में जांच का आदेश होते ही एसडीएम डीडीयू नगर, सीओ व खाद्य विभाग की टीम पहुंची। जहां दुकानदार से पहले खाद्य विभाग के अधिकारियों ने पूरे विश्वास से कहा कि अधिकारी जिस वस्तु की कहें उसका नमूना जांच के लिए भेजा जाय। हालांकि मजिस्ट्रेट के रुप में पहुंचे एसडीएम ने मिठाई बिकने के बजाय जहां बन रही थी उन स्थानों का निरीक्षण करने की बात कहने लगे। इसके बाद तो दुकानदार के कान खड़े हो गए। अधिकारी कारखाने जब पहुंचे तो वहां की स्थिति देख कुछ देर के लिए अपने आप को खड़ा नही रख सके।
अंततः खुली आँखों से गंदगी देख उस गंदगी के बीच से तैयार होकर एयरकंडिशनल काउंटर में रखे खाद्य पदार्थ का नमूना लेकर उसके परिक्षण को लैब भेजा गया। इस सम्बंध में एसडीएम डीडीयू नगर ने बताया कि रसकुंज व परम्परा दोनों दुकानों के कारखानों की गंदगी काफी अधिक रही।