जिलाचिकित्सालय का हाल: ट्रेजरी अधिकारी की संस्तुति पर खरीदी जाएगी टिटबैग
टिटबैग के मामले पर बोले पूर्व विधायक कहा अभी दवा कल को गायब हो जाएगा अस्पताल
Chandauli news: जिला मुख्यालय पर वर्षों से जिला अस्पताल स्थापित है। इससे यहाँ आवश्यक व जीवन रक्षक दवाएं मिल जाती थी। अभी भी अस्पताल की बिल्डिंग वही है। लेकिन कागजों पर नाम बदल गया है। पहले जहाँ दवाएं आसानी से मिल जाती थी वही अब कागजो पर नाम बदल जाने से जीवन रक्षक दवाओ का भी अभाव हो गया है।
सामान्य चोट,किसी जानवर के काटने, लोहे से चोट लगने पर टिटनेस का इंजेक्शन लगता है। यह टिटनेस जैसे जानलेवा बीमारी रोग से रक्षा करता है। अन्य दवाएं जहां उपलब्ध न होने से कई जांच प्रभावित हो रही थी। वहीं अब जिला अस्पताल , जिसका नाम मेडिकल कालेज से जोड़ दिया गया जो अभीआधा अधूरा बना है। उसका नाम जोड़कर शानदार ऑफिसों में बैठने वालों ने ब्यवस्था को छिन्न भिन्न कर दिया है। फलस्वरूप यहाँ टिटनेस का इंजेक्शन भी उपलब्ध नही है।
आवश्यक दवाओं की ब्यवस्था की नही गयी। नाम मेडिकल कॉलेज से जोड़ दिया गया। जो इस कहावत “नाम बड़े दर्शन छोटे” को चरितार्थ कर रही है।
इस बाबत अधूरे मेडिकल कालेज के अस्थायी प्राचार्य डॉ उर्मिला सिंह कहती है कि अब दवाओं को खरीदने के लिए कोई फंड नही है। इसके लिए ट्रेजरी ऑफिसर की संस्तुति लेनी होगी। इसके बाद भी काफी तामझाम के बाद दवा मिल पाएगी।
जिलाचिकित्सालय में दवाओं का अभाव व नाम बदलने से इसकी उपलब्धता नगण्य होने की जानकारी पर सैयदराजा के पूर्व विधायक मनोज सिंह डब्लू ने तंज कसते हुए कहा कि यह हास्यास्पद नही होगा। जमीन पर कार्य करने की बजाय नाम बदलने वाली सरकार एक दिन जिला चिकित्सालय के अस्तित्व को ही समाप्त कर देगी।