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धान की खरीद शुरू हुआ नहीं, घालमेल की सेटिंग हो गयी शुरू

पीसीयू ने चौकीदार को बना दिया केंद्र प्रभारी

Chandauli news: गांव में एक कहावत प्रचलित है।” तालाब खुदा नहीं मगर डेरा डाल दिया” वाली कहावत यहां जिले में धान खरीद को लेकर शुरू हो गयी है। किस स्थान पर केंद्र बनेगा किसको जिम्मेदारी दी जाएगी यह निश्चित करते हुए जिओ टैगिंग हो रही है। वहीं कुछ एजेंसियां कहां से सेटिंग तगड़ी होगी। पिछले रिकार्ड में किस सेंटर ने सबसे अधिक मुनाफा दिया उन सेंटरों पर विशेष निगाह लगाए है। इस गुणा गणित के चक्कर में विभागीय अधिकारियों ने पूरी मानक को ताक पर रखते हुए  चौकीदार को भी केंद्र प्रभारी बनाकर घालमेल की तैयारी शुरू कर दी गयी है।

धान खरीद के लिए जिले में 105 केंद्र बनाया गया है। इसमें भारतीय खाद्य निगम, विपडन, पीसीएफ, पीसीयू जैसे एजेंसियां खरीद करेंगी। धान की खरीद 01 नवम्बर से 28 फरवरी तक होनी है। इसमें  किसानों से धान खरीद हो या ना हो लेकिन ब्यापारियों के धान की खरीद करने वाली एजेंसियों के सबसे अधिक सेंटर भी बन गए है। सामान्य दिनों में कर्मचारी का रोना रोने वाले विभाग अपने आमदनी की गोटी सेट करने के लिए चौकीदार व रिक्शा चालक को भी क्रय केंद्र प्रभारी बनाकर जिओ टैकिंग कर दिए है। 

कुछ ऐसा ही मामला पीसीयू का सामने आया है। जहां बी पैक्स भोजापुर को केंद्र बनाया गया है। लगातार कई वर्ष से धान क्रय का सेंटर बनाता आ रहा है। जिसमें भारतीय खाद्य निगम के बाद पीसीयू का सेंटर हो गया। अर्ध सरकारी एजेंसियां खरीद संस्था बनी। क्रय केंद्र के खरीद की स्थिति यह रही कि “अ” “ब” केंद्र मिलाकर कुल चार कांटे यहां कागज पर चलने लगे। किसानों का 600 कुंतल धान खरीद का लक्ष्य प्रतिदिन निर्धारित हो गया। उसके बाद जिस मंसूबे से यह केंद्र खुला था वह अपना कार्य तेजी से शुरू कर दिया। किसानों का सीधा 200 कुंतल तो ब्यापारियों के माध्यम से 400 कुंतल प्रतिदिन खरीद होने लगा।

घलामेल की शिकायत जिलाधिकारी निखिल टी फुन्डे को हुआ तो उन्होंने एसडीएम सकलडीहा से जांच करा दिया। इसके बाद मामला सामने आया। एसडीएम के जांच के बाद मार्केटिंग इंस्पेक्टर ने प्रभारी पर मुकदमा दर्ज करा दिया। वहीं क्रय एजेंसी से तालमेल ठीक ठाक होने पर एजेंसी को क्लीन चिट मिला गयी। एक बार फिर से पीसीयू का केंद्र पुनः भोजापुर में बनाया गया। लेकिन इस बार एआर कोआपरेटिव ने तो “पत्थर पर दुब जमा दिया”  विभागीय जानकारों का मानना है कि भोजापुर के सचिव पर मुकदमा होने के कारण उन्हें केंद्र प्रभारी नही बनाया गया। ऐसे में यहां खुली बोली लगी। जिसने उस दौड़ में अपने आप को खड़ा किया उसे जिम्मेदारी दी दी गयी। स्थिति यह हो गयी कि लेन देन का मामला सेट होते ही मानक को दरकिनार करते हुए यहां चौकीदार को ही केंद्र प्रभारी बना दिया गया। यहां तक कि केंद्र प्रभारी का जिओ तैगिग भी हो गया।

हालांकि जिलाधिकारी निखिल टी फुन्डे ने मामले को गम्भीरता से लिया है। उन्होंने कहा कि जांच कराई जाएगी ऐसा हुआ है तो सम्बंधित के खिलाफ कार्यवाही तय है।

मृत्युंजय सिंह

मैं मृत्युंजय सिंह पिछले कई वर्षो से पत्रकारिता के क्षेत्र में विभिन्न राष्ट्रीय हिन्दी दैनिक समाचार पत्रों में कार्य करने के उपरान्त न्यूज़ सम्प्रेषण के डिजिटल माध्यम से जुडा हूँ.मेरा ख़ास उद्देश्य जन सरोकार की ख़बरों को प्रमुखता से उठाना एवं न्याय दिलाना है.जिसमे आप सभी का सहयोग प्रार्थनीय है.

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