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बार्डर के जिले सील, लगा भीषण जाम
रविदास जयंती को लेकर वाराणसी में पैर रखने भर का नहीं है जगह
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Prayagraj desk: महाकुम्भ शाही स्नान का चौथा स्नान माघ पूर्णिमा पर श्रद्धालुओं का रेला इस कदर लगा जैसे मौनी अमावस्या का मेला है। अनुमान से कई गुणा ज्यादा भीड़ को देख मेला प्रशासन एक बार फिर से बार्डर पर ही वाहनों को रोकने के लिए मेला ड्यूटी में लगे कर्मचारियों को तैनात कर दिया। स्थिति यह हो गयी प्रयागराज से आए पास के जिलों में जाम का असर जो गया। उधर वाराणसी में रविदास जयंती को लेकर इस कदर भीड़ जमा हुई है कि पैर रखने का जगह नही मिल रहा। देश की प्रथम नागरिक राष्ट्रपति द्रोपदी मुर्मू ने भी संगम की धारा में डुबकी लगायीं।
माघ माह का अंतिम स्नान माघ पूर्णिमा , हलांकि महाकुम्भ का स्नान 26 फरवरी तक होगा। लेकिन साधु संतों का प्रस्थान 12 फरवरी के स्नान के बाद हो जाएगा। भीड़ भाड़ से दूर रहकर महाकुम्भ स्नान करने की इच्छा पाले श्रद्धालु 05 फरवरी के बाद स्नान करने का मन बनाये थे। उसमें भी साप्ताहिक अवकाश के कारण हर कोई शाही स्नान के दिन मोक्ष दायिनी में आपने पाप को धुलकर जन्म जमन्तर तक मुक्ति पाने की लालसा लिए कुम्भ की तरफ कूच कर गए है।
जिसके कारण भीड़ बहुत हो गयी है। दो दिन पूर्व से संगम घाट पहुंचने वाले अपना ठिकाना बना लिए है। जिससे भीड़ और ज्यादा बढ़ गयी है। भीड़ को देखते हुए प्रशासन लगातार स्नान कर लोंगो को घर जाने की घोषणा कर रहा है। लेकिन इसके बाद भी लोग जमे पड़े है।