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मंडी में लगानी पड़ रही जुगाड़, जनवरी अंत का मिला रहा टोकन

किसानों का सीधे खरीद करने की बजाय मिलरों के किसान का लगा रहे अंगूठा

Chandauli news: धान खरीद को लेकर जिलाधिकारी भले ही गम्भीर है लेकिन उनके गम्भीरता का असर चंद कदम पर स्थित नवीन मंडी में नही दिख रही। यहां केंद्र प्रभारी मदमस्त है। कारण की एक दर्जन से अधिक क्रय केंद्र संचालित है। जहां कुछ पर खरीद हो रही तो कुछ ऐसे भी केंद्र है जो सेटिंग वाले किसानों का अंगूठा लगाने में अपनी ऊर्जा खर्च कर रहें है।

अभी कुछ दिन पहले जिलाधिकारी ने सकलडीहा एसडीएम से क्रय केंद्र का निरीक्षण कराया था। जिसमें भोजापुर में भारी अनियमितता मिली थी। ग्रमीण केंद्रों पर तो कमोवेश यही हाल है। लेकिन जनपद स्तर पर नवीन मंडी में किसानों के लिए कुल 12 केंद्र खुले है। जिसमें भारतीय खाद्य निगम, विपणन, पीसीयू, यूपीएसस, मंडी समिति का केन्द्र है। लेकिन इन केंद्रों पर धान बेचना किसी जंग जितने से कम नही है।

हर केंद्र पर प्रभारी का एक अलग एजेंट है। जो किसानों से सीधा संवाद वही करते है। इन एजेंट से जिनकी सेटिंग बैठती है उसके धान का तौल पहले हो जाएगा। जबकि जो इस गुणा गणित में अपने आप को बैठा नही पा रहे उनको टोकन देकर टहला दिया जा रहा है। किसान मधुसूदन मिश्रा ने बताया कि पहले तो यहां नम्बर लगाने के लिए काफी जलालत झेलनी पड़ी। कोई भी केंद्र प्रभारी अपने यहां नम्बर लगाने की बजाय में गेट पर तैनात सुरक्षा गार्ड के यहां नम्बर लगवाते थे।

वहां के बाद जितने केंद्र खुले थे उन केंद्रों पर किसानों के नम्बर लगे रजिस्ट्रेशन को बांट दिया गया। वहीं से एजेंटों का खेल शुरू हो गया। जिसका चाहे उसका पहले नम्बर लग गया। दर्जनों किसान तो ऐसे भी जिनका घर केंद्र पर ही पहले कालम में नाम लिखा हुआ है। जबकि उनका खरीद किसी एक केंद्र पर कब का हो चुका है।

मृत्युंजय सिंह

मैं मृत्युंजय सिंह पिछले कई वर्षो से पत्रकारिता के क्षेत्र में विभिन्न राष्ट्रीय हिन्दी दैनिक समाचार पत्रों में कार्य करने के उपरान्त न्यूज़ सम्प्रेषण के डिजिटल माध्यम से जुडा हूँ.मेरा ख़ास उद्देश्य जन सरोकार की ख़बरों को प्रमुखता से उठाना एवं न्याय दिलाना है.जिसमे आप सभी का सहयोग प्रार्थनीय है.

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