चंदौली

प्रधान जी के शौचालय की 05 साल बाद होगी जांच

पूर्व प्रधान व सेकेट्री पर एफआईआर

चन्दौली। प्रधानी का चुनाव जीतने के बाद सरकारी धन का लाभार्थी से ज्यादा अपना आर्थिक स्थिति मजबूत करने में अधिकांश प्रधान दिलचस्पी दिखाते है। उनका साथ बकायदे सेकेट्री देते है। इस से दो माह तक प्रधान व सेकेट्री जिनके पास समय होता है यह एक दूसरे के घर पहुंचकर योजनाओं के विषय मे ही प्रशिक्षण लेते है। उसमें भी किस योजना में सबसे अधिक मुद्रा मिलेगा इसकी पढ़ाई पढ़ते है। जहाँ महिला प्रधान है वहाँ यह प्रशिक्षण उनके पति या फिर बेटे लेते है।

सरकारी धन का बंदरबाट हुआ है और उसपर किसी ने अमल किया तो इसकी रिकवरी भी निश्चित है। इन बातों से बेखबर प्रधान फिर सेकेट्री के साथ मिलकर ग्राम सभा के खाते को व्यक्तिगत खाता मान लेते है।

कुछ ऐसा ही मामला शहाबगंज के खरौझा गांव का मामला है। जहाँ 2018 में शौचालय आवंटन में जमकर लूटखसोट हुआ। स्थिति यह रही कि मानक को ताख पर रख दिया गया। तत्कालीन प्रधान अमृता श्रीवास्तव व सेकेट्री के खिलाफ ग्रामीणों तथ्य के साथ आरोप लगाया था। जिसपर जांच में बात सामने आयी। लेकिन कोई कार्यवाही नही हुई। ग्रामीणों ने न्यायालय का दरवाजा खटखटाया जिसपर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट ने 156\3 के तहत इलिया थाना इंचार्ज को प्रधान व सेकेट्री के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने का निर्देश दिए है।

मृत्युंजय सिंह

मैं मृत्युंजय सिंह पिछले कई वर्षो से पत्रकारिता के क्षेत्र में विभिन्न राष्ट्रीय हिन्दी दैनिक समाचार पत्रों में कार्य करने के उपरान्त न्यूज़ सम्प्रेषण के डिजिटल माध्यम से जुडा हूँ.मेरा ख़ास उद्देश्य जन सरोकार की ख़बरों को प्रमुखता से उठाना एवं न्याय दिलाना है.जिसमे आप सभी का सहयोग प्रार्थनीय है.

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