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शरीर मे दिखे यह लक्षण तो तत्काल दिखाएं गम्भीरता:डॉ विवेक

बुखार, मिचली, मांसपेशियों में दर्द डेंगू के प्रमुख लक्षण

Chandauli news: मौसम में रोज परिवर्तन हो रहा है। वही संक्रमण बीमारियां भी पांव फैला रही है। इसमें थोड़ी भी लापरवाही जान के लिए आफत बन सकती है। युवा चिकिस्तक डॉक्टर विवेक सिंह ने बताया कि इस समय डेंगू तेजी के साथ फैल रहा है। इसमें लापरवाही बिल्कुल न करें।

डॉ विवेक सिह ने बताया कि डेंगू बुखार, जिसे आमतौर पर हड्डी तोड़ बुखार के रूप में भी जाना जाता है, यह एक फ्लू जैसी बीमारी है, जो डेंगू वायरस के कारण होती है। उन्होंने बताया कि डेंगू चार वायरस डीईएनवी-1, डीईएनवी-2, डीईएनवी-3 और डीईएनवी-4। डेंगू मच्छर संक्रमित व्यक्ति को काटता है तो वायरस मच्छर के शरीर में प्रवेश कर जाता है। और बीमारी तब फैलती है जब वह मच्छर किसी स्वस्थ व्यक्ति को काटता है, और वायरस व्यक्ति के रक्तप्रवाह के जरिये फैलता है। एक बार जब कोई व्यक्ति डेंगू बुखार से उबर जाता है, तो वह विशिष्ट वायरस से प्रतिरक्षित होता है, लेकिन अन्य तीन प्रकार के वायरस से नहीं। यदि आप दूसरी, तीसरी या चौथी बार संक्रमित होते हैं तो गंभीर डेंगू बुखार, जिसे डेंगू रक्तस्रावी बुखार के रूप में भी जाना जाता है, के विकसित होने की संभावना बढ़ जाती है।

शरीर मे दिखे यह लक्षण तो हो जाएं गम्भीर:

आमतौर पर डेंगू बुखार के लक्षणों में एक साधारण बुखार होता है और किशोरों एवं बच्चों में इसकी आसानी से पहचान नहीं की जा सकती। डेंगू में 104 फारेनहाइट डिग्री का बुखार होता है। इसके साथ ही सिर दर्द, मांसपेशियों, हड्डियों और जोड़ों में दर्द,जी मिचलाना, उल्टी लगना, आंखों के पीछे दर्द,
ग्रंथियों में सूजन, त्वचा पर लाल चकत्ते होना यह प्रमुख है। इसके साथ ही बुखार भी तीन प्रकार का होता है।

हल्का डेंगू बुखार – इसके लक्षण मच्छर के दंश के एक हफ्ते बाद देखने को मिलते हैं और इसमें गंभीर या घातक जटिलताएं शामिल हैं।
डेंगू रक्तस्रावी बुखार – लक्षण हल्के होते हैं, लेकिन धीरे-धीरे कुछ दिनों में गंभीर हो सकते हैं।
डेंगू शॉक सिंड्रोम – यह डेंगू का एक गंभीर रूप है और यहां तक कि यह मौत का कारण भी बन सकता है।

डेंगू बुखार का कोई विशिष्ट उपचार नहीं है। बल्कि पैरासिटामोल जैसी दर्द निवारक दवाएं आमतौर पर रोगियों को दी जाती हैं। गंभीर डिहाइड्रेशन के मामले में कभी-कभी आईवी ड्रिप्स प्रदान की जाती हैं।
हाइड्रेटेड रहें : यह महत्वपूर्ण है, क्योंकि हमारे शरीर के अधिकांश तरल पदार्थों का उल्टी और तेज बुखार के दौरान ह्रास हो जाता है। तरल पदार्थों के लगातार सेवन से यह सुनिश्चित हो जाता है कि शरीर आसानी से डिहाइड्रेट नहीं होगा।

डेंगू से बचाव:

शोधकर्ता अभी भी डेंगू बुखार के लिए एक विशिष्ट इलाज खोजने पर काम कर रहे हैं। डेंगू बुखार के उपचार में एसिटामिनोफेन टैबलेट के साथ दर्द निवारकों का प्रयोग शामिल है। इसके अतिरिक्त, आपको खूब तरल पदार्थ पीने और आराम करना चाहिये । सबसे अच्छा तरीका रोकथाम है :

त्वचा को खुला न छोड़ें: अपनी त्वचा की सतहों को ढकने और मच्छर के दंश की संभावना को कम करने के लिए लंबी पैंट और पूरी बाजू की शर्ट पहनने की कोशिश करें। डेंगू के मच्छर सुबह या शाम को अत्यधिक सक्रिय होते हैं, इसलिए ऐसे समय में बाहर निकलने से बचने की कोशिश करें।

मच्छर रोधी क्रीम: मच्छरों को दूर रखने के लिए आप रोजाना ऐसी क्रीम लगा सकते हैं।

ठहरे हुए पानी को कीटाणुरहित करें: एडीज मच्छर साफ और स्थिर पानी में पनपता है। पानी के बर्तन या टंकी को हर समय ढककर रखें और यदि आवश्यक हो तो एक उचित कीटाणुनाशक का उपयोग करें। मच्छरों के लिए एक प्रजनन आधार विकसित करने की संभावनाओं को कम करने के लिए ऐसे किसी भी बर्तन या सामान को उल्टा करके रखें, जिसमें पानी इकट्ठा हो सकता है
बीमारी के लक्षण बढ़ने पर तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें ।

मृत्युंजय सिंह

मैं मृत्युंजय सिंह पिछले कई वर्षो से पत्रकारिता के क्षेत्र में विभिन्न राष्ट्रीय हिन्दी दैनिक समाचार पत्रों में कार्य करने के उपरान्त न्यूज़ सम्प्रेषण के डिजिटल माध्यम से जुडा हूँ.मेरा ख़ास उद्देश्य जन सरोकार की ख़बरों को प्रमुखता से उठाना एवं न्याय दिलाना है.जिसमे आप सभी का सहयोग प्रार्थनीय है.

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