पीडब्ल्यू डी के जमीन पर नपं सैयदराजा का कब्जा
ज्वाइंट मजिस्ट्रेट ने रूकवाया अवैध निर्माण
Chandauli news: “यथा नामो तथा गुणः” सैयदराजा के टुन्नू कबाड़ी की निगाह वर्षो से पीडब्ल्यू डी के जमीन पर धसी पड़ी थी। कभी कबाड़ रखकर कब्जा तो कभी गौ शाला के रूप में जमीन पर अपनी उपस्थिति दर्ज कराने वाले अब शासन सत्ता के करीब आ गए है। सत्ता के करीब आते ही “सैंया भयो कोतवाल अब डर काहे का” वाले तर्ज लर आ गए। हालांकि इसकी जानकारी ज्वाईंट मजिस्ट्रेट हर्षिका सिंह को हो गयी। जिसपर उन्होंने निर्माण कार्य रुकवा दिया।
जीटी रोड़ से चंद कदम की दूरी पर गाटा संख्या 227 पीडब्ल्यूडी के नाम दर्ज है। जिसकी 40 फीट जमीन जीटी रोड़ से सटी है। उस पर सैयदराजा के एक कबाड़ी सहित अन्य चार वर्षो से कब्जा करने की फिराक में लगए थे। चुनावी समीकरण इस कदर करवट लिया कि जनता ने कबाड़ से उठाकर सीधे नगर पंचायत के प्रथम नागरिक बनने का सेहरा सिर पर बांध दिया। जिसका असर रहा कि जिस पुलिस वालों से छुप छुपाकर काम करना होता था। अब उसी पुलिस से दूसरे की पैरवी होने लगी। पुलिस भी पैरवी पर अपना सकारात्मक रुख अख्तियार कर लिया। कभी कभार दरबार पहुंचकर चाय के अलावा लजीज व्यंजनों का स्वाद लेने लगी।
शासन सत्ता के झंडे से सुसज्जित लक्जरी गाड़ियां दरवाजे पर पहुंचने लगी। जिसका असर हुआ कि वर्षो के अपने इस उद्देश्य को लगे हाथ पूर्ण करने की नियत से पीडब्लूडी के उस जमीन पर अवैध निर्माण शुरू हो गया। एक दो नही बल्कि 10- 12 की संख्या में ब्यवसायिक कटरे का रुप दिया गया।
नगर पंचायत के टैंकर को पानी आए भरकर मौके पर खड़ा कर दिया गया। युद्ध स्तर पर उक्त जमीन पर निर्माण कार्य शुरू हो गया। नगरवासी इसे नगर पंचायत का कटरा मानने लगे। लेकिन जब इस बात का पता चला कि उक्त निर्माण नगर पंचायत की नही बल्कि नपं अध्यक्ष की हो रही है तो किसी ने इसकी शिकायत ज्वाइंट मजिस्ट्रेट हर्षिका सिंह ने कर दिया। जिसके बाद मौके पर राजस्व की टीम भेजकर कार्य को रूकवाया गया। जैसे ही कार्य रोकने का आदेश हुआ अतिक्रमणकारियों में हड़कम्प मच गया है।
क्या कहते है अधिकारी: इस सम्बंध में ज्वाइंट मजिस्ट्रेट सदर हर्षिका सिंह ने बताया कि पीडब्ल्यूडी की जमीन पर अतिक्रमण होने की जानकारी मिली है। कार्य को रुकवा दिया गया है। सम्बंधित विभाग के शिकायती पत्र पर मुकदमा भी दर्ज कराया जाएगा।