बीएसए कार्यालय का भ्रस्टाचार: कागज पर गाड़ी ही नही अपने पत्नी को नौकरी भी करा चुका है बाबू
आउटसोर्सिंग के तहत शाहबगंज ब्लाक में सहायक लेखाकार पर नियुक्त हुई थी पत्नी
नियुक्ति के बाद एक भी दिन नही पहुंची बीआरसी, लाखों में हुआ था भुगतान
मामला उजागर होने पर तत्कालीन बीएसए ने संविदा किया समाप्त
Chandauli news: बेसिक शिक्षा अधिकारी कार्यालय में बाबू, ठेकेदार व अधिकारियों के तिकड़म ने कागज पर गाड़ी दौड़ाकर 1 करोड़ 47 लाख रुपया का भुगतान कर लिया। लेकिन यह खेल केवल वाहनों के सन्चालन पर ही नही हुआ। बल्कि संविदाकर्मी बाबू ने कागज पर नौकरी कराकर लाखों का भुगतान विभाग से करा लिया। साहब के आस पास साया की तरह रहने के साथ ही उनके सुख सुविधा का विशेष ध्यान देने की वजह से किसी अन्य अधिकारियों ने विरोध करना उचित नही समझा। इस खुला खेल फरुखाबादी का जब उजागर हुआ तो तत्कालीन बीएसए ने बड़े ही दुःखित मन से महिला कर्मचारी का संविदा समाप्त किया।
शाहबगंज ब्लाक के बीआरसी पर आउटसोर्सिंग के तहत सहायक लेखाकार के पद पर 1 जुलाई 2022 को हो गयी। नियुक्ति के बाद वहां के कर्मचारियों के उपस्थिति रजिस्टर नाम दर्ज हो गया। लेकिन महिला सहायक लेखाकार एक भी दिन ब्लॉक पर नही पहुंची। रजिस्टर पर अंग्रेजी में बकायदे हस्ताक्षर होते रहे। इस बात का खुलासा तब हुआ जब वहां के कर्मचारी आपस में समय से आने को फरवरी 2023 को कहासुनी कर लिए। जिसमें कर्मचारियों ने बताया कि महिला सहायक लेखाकार नियुक्ति तिथि से सब तक आयी ही नही। उनके उपर कोई कार्यवाही इसलिए नही होती है कि उनके पति बेसिक शिक्षा अधिकारी के दाहिने अंग है।
हालांकि मामला तूल पकड़ लिया। जिलाधिकारी ने मामले का संज्ञान लेते हुए बीएसए को तलब किया। इसके बाद आपा धापी में महिला कर्मचारी को हटाया गया। इस तरह की जालसाजी का खेल वर्षो से चलता आ रहा है। तब तक वाहन संचालन का झोल शुरू हो गया। हालांकि करोड़ों के इस घालमेल की मजिस्ट्रेटियल जांच प्रारम्भ है।