थाना प्रभारी बदलते ही बदल गयी ब्यवस्था
Kandawa(chandauli)news: बिहार में तथाकथित रूप से शराब बंदी क्या हुई जिले के बॉर्डर वाले शराब ठेकों की चांदी कटने लगी। पहले सरकारी ठेके जो घाटे में चल रहे थे अब वह पूरी तरह से सोने की अंडा देने वाली मुर्गी हो गयी है। जिसका लाभ ठेकेदार, विभाग व थाना के मिल रहा है।
शराब की दुकान को खोलने का एक निश्चित समय निर्धारित है। लेकिन कन्दवा थाने में कोई भी नियम नही है। विभगीय सूत्रों की माने तो इसके लिए अन्य थानों की अपेक्षा कन्दवा पर अच्छा खासा जजीयकर मिलता है। यह इस बात का ही टैक्स देते है कि अपने मर्जी से जब चाहे दुकान से शराब बेच सकते है। यहां तक कि बिहार में भी भारी मात्रा में बेच देते है। सूत्रों की माने तो थाने का चार्ज संभालने के बाद हर प्रभारी थाने के इस राजस्व के विषय में जानकारी लेता है। थाने का निजाम बदला तो इन दुकानों के टैक्स को बढ़ा दिया गया। स्थिति यह हो गयी कि खुलेआम तड़के सुबह शराब से ही गुडमार्निंग हो रही। क्षेत्र के राजेश, अलगू, बृजेश, महेन्द्र ने बताया कि इसके लिए स्थानीय थाने में शिकायत किया गया लेकिन जब नई थाना प्रभारी आयी है किसी का सुनती ही नही।