अध्यात्म

श्रद्धा भाव व विस्वास से मिलते हैं ईश्वर

कंदवा।बरहनी गांव स्थित मां मंशा देवी मंदिर परिसर में आयोजित सात दिवसीय श्रीमद्भागवत कथा के प्रथम दिन उपस्थित जनों को कथा का रसपान कराते हुए संजय कृष्ण त्रिपाठी ने कहा कि भगवान श्रीकृष्ण की भक्ति प्राप्त करने के तीन सूत्र हैं।भगवान में श्रद्धा ,विश्वास ,समर्पण होना चाहिए।

भक्ति करने वाला भगवान से मांगता नहीं प्रार्थना करता है क्योंकि प्रार्थना आत्मा से होती है।आत्मा मे ही परमात्मा का वास होता है।उपस्थित श्रोतागणों को एक कथा के माध्यम से संजय कृष्ण त्रिपाठी समझाते हैं कि धुंधकारी कभी भगवान ईश्वर की प्रार्थना नहीं करता था।श्रद्धा नहीं रखता था।परिणामस्वरुप प्रेत योनि मे जन्म लेना पडा।इसलिए कथा से आमजन को प्रेरणा लेनी चाहिए।ईश्वर का ध्यान करें उसी से मुक्ति संभव है।इस अवसर पर राजेश सिंह,धनंजय त्रिपाठी, दया सिंह,नवनीत सिंह,बासदेव तिवारी,अरविंद,संजय,आकांक्षा, बंदना तिवारी,मंजू,साधना सहित अन्य रहे।

मृत्युंजय सिंह

मैं मृत्युंजय सिंह पिछले कई वर्षो से पत्रकारिता के क्षेत्र में विभिन्न राष्ट्रीय हिन्दी दैनिक समाचार पत्रों में कार्य करने के उपरान्त न्यूज़ सम्प्रेषण के डिजिटल माध्यम से जुडा हूँ.मेरा ख़ास उद्देश्य जन सरोकार की ख़बरों को प्रमुखता से उठाना एवं न्याय दिलाना है.जिसमे आप सभी का सहयोग प्रार्थनीय है.

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