आतंक का दूसरा नाम था अतीक, जज भी मामले की सुनवाई से कर लिए थे हाथ खड़े
प्रयागराज डेस्क। राजू पाल हत्याकांड का मुख्य गवाह उमेश पाल की हत्या में शामिल अतीक के पुत्र असद को पुलिस ने इनकाउंटर में मार गिराया । अब अतीक व उसके भाई अशरफ को बदमाशो ने ढेर कर दिया। पहले बेटा उसके दूसरे दिन बाद बाप सुपुर्दे खाक होगा इसका अन्दाजा किसी ने भी नही लागये था। आतंक का दूसरा नाम था अतीक, जेल में भी इस माफिया की अदालत लगती थी। इसका आतंक इतना था कि खुद न्यायालय के जज ने इसके केस की सुनवाई से हाथ खड़े कर लिए थे। ऐसे दुर्दांत अपराधी का इतनी आसानी से मौत हो जाएगी यह खुद अतीक भी सपने में नही सोचा होगा। जिसका भय इतना था कि उसके नाम से लोग हफ्ता पहुंचा जाते थे। उसे दुबले पतले तीन लोग सुरक्षा घेरा में रहते हुए मार देंगे इसकी कल्पना तो किसी ने भी नही की रही होगी।
विकास दुबे के नरसंघार के बाद प्रदेश सरकार के गाड़ी पलटने वाली घटना से हर अपराधी अपने आप को न्यायालय में ही वीडियोकांफ्रेंसिंग के माध्यम से न्यायालय में हाजिरी लगाने की अर्जी दी दिए थे। जिसपर कुछ लोंगो की अर्जी न्यायालय ने स्वीकार भी किया। सूत्रों की माने तो अतीक भी अपने मुकदमें की सुनवाई वीडियो कांफ्रेंसिंग से कराना चाहता था। लेकिन न्यायालय ने उसकी अर्जी अस्वीकार कर दिया। यूपी पुलिस उसे गुजरात के साबरमती जेल से प्रयागराज ले आयी। 15 दिन बाद पुनः गुजरात से अतीक व बरेली जेल से उसके भाई अशरफ को लाया गया। दोनों भाई कोर्ट के बाद आपस में मिलकर कुशलछेम पूछा। असद के मौत पर दुःखी हुए। कुछ देर के बाद मेडिकल कालेज ले जाया गया जहाँ मीडियाकर्मियों से बात चीत के दौरान दोनों भाइयों की एक साथ हत्या कर दी गयी।