चार महिला सिपाही बनना चाहती है पुरुष, डीजीपी से मांगी अनुमति
जेन्डर परिवर्तन कि अनुमति केलिए डीजी कार्यालय को लिखी पत्र
Chandauli news: पुलिस विभाग में सीतापुर, गोण्डा, गोरखपुर और अयोध्या मे तैनात महिला सिपाही इन दिनों चर्चा में है। हो भी क्यों नही इन महिला कांस्टेबलो ने डीजी पोस्ट पत्र लिखकरऐसे कार्य के लिए अनुमति मांगी है कि विभाग के अधिकारी भी हतप्रभ है। वरिष्ठ अधिकारी ने जनपद स्तरीय अधिकारियो को पत्र लिखकर महिला सिपाहीयों कि काउंसलिंग करने के निर्देश दिए है।
दरसल मामला जेन्डर (लिंग)परिवर्तन का है। एक साथ डीजी कार्यालय को गोण्डा, गोरखपुर, सीतापुर व अयोध्या से अलग अलग चार महिला सिपाहियों ने पुरुष बनने कि इच्छा जाहिर करते हुए लिंग परिवर्तन कि अनुमति मांगी है। यह उनका अधिकार है लेकिन एक बार हर किसी को यह आश्चर्य व हैरान कर देने वाला बात है। हलांकि महिला सिपाहियों ने डीजी मुख्यालय से आपत्ति मिलने पर हाईकोर्ट का भी रुख करने का मन बना ली हैं। अयोध्या कि महिला सिपाही ने बताया कि पढ़ने के दौरान से ही वह लड़कों जैसे व्यवहार करती रही हैं। पैंट शर्ट पहनना, छोटे बाल रखना अच्छा लगता है। उनका हाव भाव लड़को जैसा हैं। लेकिन वह फ़रवरी से मुख्यालय दौड़ रही हैं। अभी अनुमति नही मिली उसने बताया कि वह गोरखपुर मे 2019 मे पहली पोस्टिंग पायी थी। उस दौरान भी साथ कि लड़कियां उसे लड़का ही बुलाती थी। उसने बताया कि वह अनुमति के लिए हाईकोर्ट तक जाएंगी। सीतापुर मे तैनात महिला सिपाही ने बताया कि उसने दिल्ली के एक जाने मैने डॉक्टर से से कई चरणों मे काउंसलिंग कराई है। डॉक्टर के जाँच पड़ताल के बाद उसे जेंड़र डीस्फोरिया बताया है। चिकित्सक के रिपोर्ट के बाद ही उसने जेन्डर परिवर्तन के लिए आवेदन दिया है।
हाईकोर्ट ने बताया संवैधानिक अधिकार :
सीतापुर,गोरखपुर, अयोध्या व गोण्डा की महिला कांस्टेबल के पहले अयोध्या कि एक कांस्टेबल ने हाईकोर्ट मे लिंग परिवर्तन के लिए अर्जी लगायी थी। जिसके आवेदन पर हाईकोर्ट ने सिपाही के पक्ष मे फैसला दिया था। हाईकोर्ट ने कहा लिंग परिवर्तन कराना संवैधानिक अधिकार है। अगर आधुनिक समाज मे किसी ब्यक्ति कि पहचान बदलने के लिए अधिकार से वंचित करते है या फिर अस्वीकार करते है तो हम सिर्फ लिंग पहचान विकार सिंद्रोम को प्रोत्साहित करेंगे। हाईकोर्ट ने महिला कांस्टेबलो के आवेदन को निस्तारित करने का निर्देश दिया है।