पुलिस अधीक्षक के यहां पहुंचने वाले फरियादी हो रहे असन्तुष्ट
Chandauli news: थाने में पीड़ित की आवाज न सुने जाने की स्थिति में लोग उच्चाधिकरियों के यहां इस आशा विश्वास के साथ पहुंचते है कि साहब उनकी बात सुनकर न्याय करेंगे। इस बात का दरोगा व थानेदार को भी हमेशा भय रहता है कि कहीं एसपी साहब के जनता दर्शन में पहुंच गया तो कार्यवाही हो सकती है। लेकिन जब उन्हें इस बात का अंदाजा लग जाय कि मुख्यालय जाने पर साहब बहुत गम्भीरता से नही लेंगे। तो फिर वह उसी तरह बेअन्दाज होते है।
पुलिस अधीक्षक के रूप में भदोही में लगभग दो वर्ष तक कार्यकाल ब्यतीत कर चन्दौली की कमान संभालने आये पुलिस अधीक्षक के जनता दर्शन में फरियादियों के साथ हो रहे ब्यवहार असन्तुष्ट हो रहे है। फरियादियों का कहना है कि अपनी बात रखने का समय ही नही दे रहे। उनके पेशी में तैनात पुलिस कर्मी जितना उन्हे फरियाद के विषय मे बताएंगे उसपर कार्यवाही कर रहें।
गुरुवार को एक मामला ऐसा आया जिसमे साहब के ब्यवहार से पीड़ित हतप्रभ रह गया। हुआ यह कि इलिया चौकी के सत्यप्रकाश केशरी पिछले 15 दिन पूर्व गाँव मे दोयम दर्जे से हो रहे कार्य का विरोध किया। सत्यप्रकाश ने विवाद को देखते हुये डायल 112 पर फोन कर दिया। मौके पर पहुंची डायल 112 की टीम ने दोनों पक्ष को थाने पर बुला लिया। सत्यप्रकाश का आरोप है कि थाने पर अभी पहुंचा था कि गेट पर ही उसकी मुलाकात दरोगा देवेंद्र साहू से हो गया। जिसने सत्यप्रकाश का प्रार्थना पत्र लेकर बिना कोई कार्यवाही उल्टे सत्यप्रकाश पर टूट पड़े। दरोगा का करतूत थाने के सीसीटीवी में कैद हो गया।
सत्यप्रकाश किसी तरह दूसरे दिन दरोगा की शिकायत लेकर एसपी के यहां पहुंच गया। जहां एसपी ने जांच सीओ चकिया को दे दिया। सूत्रों की माने तो सीओ व अपर पुलिस अधीक्षक ऑपरेशन ने सीसीटीवी व अन्य पहलुओं पर जांच किया तो मामला सत्य पाया गया। इसके बाद प्रार्थना पत्र पर कार्यवाही पर फीडबैक लेने के लिए एसपी कार्यालय से फोन गया। जब गुरुवार को उसने पुलिस अधीक्षक के सामने पेश हुआ तो उनके अंदाज को देख हतप्रभ रह गया।
दरोगा के ब्यवहार पर कार्यवाही करने की बजाय पुलिस अधीक्षक ने कहा कि गलत जगह शिकायत करने चले गए। एसपी के बात को सुनने के बाद पीड़ित ने यह कहा कि साहब गलती हो गयी। लेकिन इस बात को बताने की बजाय किस गलती पर दरोगा ने उसे पीटा। इतना सुनने के बाद भड़के एसपी ने पीड़ित हो ही जेल भेजने के लिए कह दिया। साहब के इस अंदाज से जनता दर्शन में बैठे अन्य फरियादी सकते में आ गए। पीड़ित सत्यप्रकाश ने मानवाधिकार आयोग में शिकायत किया है।