भजपा ने सीधे आसमान से उतार दिया प्रत्याशी
Nikay chunav: निकाय चुनाव lnikay chunav) में इस बार प्रत्याशियों को चुनाव मैदान में उतारने के समय शायद स्क्रीनिंग कमेटी की नही चली। बल्कि जिसकी जितनी अच्छी पहुंच या फिर किसी बड़े नेता के हाथ रहा वही प्रत्याशी हो गया। शायद इसका लाभ सैयदराजा नगर पंचायत को भी मिल गया। जहाँ प्रत्याशी तो सीधी साधी मिल गयी। लेकिन उसके घर मे कबाड़ी,कोयला चोरी में महारथ हाशिल है। उसके इस काम के कारण बकायदे टाइटिल कबाड़ी मिला है ।
शायद यहां प्रत्याशी बनाने में ऐसे नेता का आशीर्वाद मिल गया हो जो अपने चुनाव में पाए गए वोटों की खुन्नस निकालने के चक्कर मे आसमानी प्रत्याशी उतार दिए हों। जबकि प्रत्याशी बनने की दौड़ में ऐसे तमाम दावेदार भाजपा में थे जो सभासद रह चुके है या फिर नगर में अच्छी खासी साख है। लेकिन इन सभी राजनैतिक, सामाजिक सक्रिय लोंगो को दरकिनार कर मूल रूप से बिहारी को चुनाव मैदान में उतारा दिया गया। वह भी ऐसे ब्यक्तित्व का स्वामी है। जो जिंदगी की शुरुआत कोयला व कबाड़ी चोरी से किया । शाम होते ही शराब की नशे में टून्न होने के कारण उसका उपनाम पड़ गया। चुनाव के इस दौरे में भी वह अपनी कुछ आदतों को छोड़ नही पाया है।
कोयला चोरी में सहायक तमाम मित्र इस बात को लेकर बेताब है कि कब चुनाव खत्म हो फिर भाई को साथ लेकर लौट लिया जाय। भाई को उसी में सुख प्राप्त होता आया है। ऐसे ब्यक्ति को नगर के नेता कैसे लोग माने यह मेहनत कस सामाजिक व सभ्रांत लोग सोच कर परेशान है। चुनाव प्रचार के साथ चल रहे लोग अच्छे विचारधारा वालों से मिलने पर यह कहने से नही चूक रहे कि दो बड़े नेताओं के शीत युद्ध के कारण दूसरे प्रदेश से लाकर आखिर किस मजबूरी में ऐसा प्रत्याशी उतारना पड़ा। कोयला व कबाड़ चोर ही प्रत्याशी उतारना था तो सैयदराजा नगर पंचायत में कई लोग थे।